आपको बता दें कि इससे पहले शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा था कि उन्होंने अपने दिवंगत पिता बालासाहेब ठाकरे से वादा किया था कि एक दिन एक शिवसैनिक महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनेगा।
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दरअसल, लोकसभा चुनाव से आदित्य की सक्रिय राजनीति में उतरने की अटकलें लगाई जा रही थी। लेकिन जब विधानसभा चुनाव से पहले वह महाराष्ट्र में जनआशीर्वाद यात्रा पर निकले तो यह तय माना जा रहा था कि इस बार वह चुनाव लडे़ंगे।
शिवसेना की ओर से रविवार को जारी सूची में उद्धव ने 9 नाम घोषित किए। इस सूची में आदित्य ठाकरे के अलावा कुछ वर्तमान विधायकों के भी नाम हैं।
आपको बता दें कि आदित्य ठाकरे को टिकट मिलने से शिवसेना ने वर्ली से विधायक सुनील शिंदे का पत्ता काट दिया है।
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गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे के बालासाहेब से किए वायदे वाले बयान को गठबंधन के इसके साथी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए एक कड़े संकेत के तौर पर देखा जा रहा था।
ठाकरे ने शीर्ष पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा था कि मैंने बालासाहेब से यह वादा किया था कि मैं एक दिन शिवसैनिक को राज्य का मुख्यमंत्री बनाऊंगा।
मैं उनसे किए वादे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। उन्होंने कहा कि शिवसेना का केसरिया झंडा दक्षिण मुंबई में महाराष्ट्र विधानसभा की इमारत में लहराना चाहिए।