
नई दिल्ली। जामिया मिलिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन और पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर शिवसेना ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना नेताउद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने जामिया हिंसा की तुलना जलियांवाला बाग कांड से की है।
ठाकरे ने कहा कि छात्र एक 'युवा बम' की तरह हैं। इसलिए वो केंद्र सरकार से अनुरोध करते हैं कि छात्रों के साथ ऐसा सुलूक हरगिज न किया जाएगा, जैसा की सरकार कर रही है।
वहीं, गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि रविवार को जामिया मिलिया इस्लामिया में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से एक भी गोली नहीं चलाई है। सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान आगजनी करने और वाहनों को जलाने के लिए 10 लोगों की गिरफ्तारी पर मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि हिरासत में लिए गए सभी 10 लोग आपराधिक बैकग्राउंड के हैं।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) हिंसा मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने सवाल किया कि आखिर बसें कैसे जली? प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे ने कहा, "हमें सरकार के पक्ष में कोई दिलचस्पी नहीं है और अदालत पूरे विवाद में समाचार पत्रों और खबरों पर भी भरोसा नहीं करेगी।"
Updated on:
18 Dec 2019 11:35 am
Published on:
17 Dec 2019 02:25 pm
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