राज्यपाल ने एनसीपी को आज यानी मंगलवार रात तक का मौका दिया है। ऐसे में अगर एनसीपी सरकार बनाने में असफल हो जाती है, तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने की आंशका प्रबल हो जाएगी। हालांकि राज्यपाल के पास एनसीपी के बाद कांग्रेस को भी न्यौता देने का विकल्प शेष है।
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गौरतलब है कि राज्यपाल के निमंत्रण के बाद भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाने से इनकार कर दिया, जबकि शिवसेना को एनसीपी और कांग्रेस का समर्थन प्राप्त नहीं हो सका और पार्टी नेताओं को राजभवन से खाली हाथ निराश वापस लौटना पड़ा।
जानकारी के अनुसार राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बुलावे पर शिवसेना विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे और आदित्य ठाकरे राजभवन पहुंचे थे।
शिवसेना नेताओं के उम्मीद थी कि एनसीपी और कांग्रेस समय रहते अपना समर्थन पत्र राजभवन को फैक्स कर देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
हालांकि राजभवन से बाहर आए आदित्य ठाकरे ने कहा कि राज्यपाल ने उनका सरकार बनाने का दावा अभी खारिज नहीं किया है।
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यही वजह है कि राज्यपाल ने अब राज्य के तीसरे बड़े दल एनसीपी को सरकार बनाने का न्यौता दिया है। एनसीपी नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात कर अपने सहयोगियों से बातचीत कर फैसला लेने का समय मांगा है।
राजनीतिक जानकारों की मानें तो सरकार बनाने के लिए राज्यपाल की ओर से यह शायद अंतिम प्रयास होगा।
ऐसे में अगर एनसीपी सरकार बनाने में कामयाब नहीं हुई तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने लगभग तय है।