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महबूबा का पाकिस्तान प्रेम! तालिबान से हो सकती है बात तो पाक से क्यों नहीं?

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि केंद्र सरकार को फिर से पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू करनी चाहिए। जब तालिबान से बातचीत हो सकती है तो फिर पाकिस्तान से क्यों नहीं हो सकती है।

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Mehbooba Mufti Says If Government can talk with Taliban, why not Pakistan?

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के संबंध में बातचीत को लेकर पीएम मोदी ने 24 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक से पहले एक बार फिर से पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती का पाकिस्तान प्रेम जाग उठा है। महबूबा ने फिर से पाकिस्तान से वार्ता शुरू करने का राग अलापना शुरू कर दिया है।

दरअसल, मंगलवार को गुपकार गठबंधन ने पीएम मोदी की बैठक में शामिल होने या न होने को लेकर बैठक बुलाई। इस बैठक में यह तय किया गया कि गुपकार गठबंधन के सदस्य इसमें शामिल होंगे। वहीं महबूबा मुफ्ती ने कहा कि केंद्र सरकार को फिर से पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तालिबान से बातचीत हो सकती है तो फिर पाकिस्तान से क्यों नहीं हो सकती है।

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महबूबा ने कहा कि सरकार दोहा (कतर की राजधानी) में तालिबान के साथ बातचीत कर सकती है तो फिर पाकिस्तान से भी बातचीत करनी चाहिए। बता दें कि इससे पहले कई बार महबूबा मुफ्ती पाकिस्तान के साथ वार्ता करने की वकालत कर चुकी हैं।

35A और 370 पर नहीं करेंगे समझौता

मंगलवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारुक अब्दुल्ला के घर पर गुपकार गठबंधन की बैठक हुई। इस बैठक में 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में शामिल होने का फैसला लिया गया है। इस दौरान गुपकार गठबंधन के सदस्य मुजफ्फर शाह ने कहा कि आर्टिकल 370 और 35 ए को लेकर किसी भी तरह का समझौता नहीं होगा और इन्हें हटाए जाने पर हमारा विरोध जारी रहेगा।

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वहीं, महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सरकार दोहा जाकर तालिबान के साथ बात कर सकती है तो ऐसे में जम्मू-कश्मीर आकर सरकार को बात करनी चाहिए। महबूबा ने बैठक में पाकिस्तान के साथ बातचीत करने की वकालत करते हुए कहा कि सरकार को इस बारे में विचार कर चाहिए। उन्होंने कहा कि आर्टिकल 35 ए और धारा 370 को लेकर किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे।