
कहीं मुलायम सिंह का आशीर्वाद तो नहीं बना PM मोदी की जीत की वजह?
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है। संसद की 542 लोकसभा सीटों में से भाजपा 350 पर आगे चल रही, जबकि कांग्रेस केवल 85 सीटों पर ही बढ़त बनाए है। देश में एक बार फिर मोदी सरकार बननी लगभग तय है। हालांकि एग्जिट पोल में पहले ही एक बार फिर मोदी सरकार बनने के संकेत मिल गए थे। ऐसे में पीएम मोदी को दिया मुलायम सिंह यादव का वो आशीर्वाद खूब याद आ रहा है, जिसमें उन्होंने मोदी को देश का एक बार फिर प्रधानमंत्री बनने की बात कही है। दरअसल, उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और सपा के वयोवृद्ध नेता मुलायम सिंह यादव ने 16वें लोकसभा के अंतिम सत्र के अंतिम दिन सबसे अधिक चर्चित बयान दिया था। उन्होंने पीएम मोदी को पहले आशीर्वाद दिया और उसके बाद फिर उनको अपने संबोधन में उन्हें धन्यवाद कहा था।
दरअसल, संसद के अंतिम सत्र में मुलायम सिंह यादव अपना भाषण दे रहे थे और उनके बराबर में यूपीए चेयरपर्सन सोनिया बैठी थीं। तभी मुलायम ने पीएम मोदी की तारीफ करनी शुरू कर दी। उन्होंने पीएम मोदी से मुखातिब होते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने सबको साथ लेकर चले हैं और सभी के काम भी किए हैं। पूर्व सीएम ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री की कार्यशैली की वजह से ही कोई उनकी बुराई नहीं करता। यह सब बोलते—बोलते मुलायम सिंह भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी फिर से देश के प्रधानमंत्री बनें और संसद में बैठे सभी सदस्य एक बार फिर से चुनकर आएं।
मुलायम सिंह यादव की यह बात सुनकर जहां पूरा सदन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज गया, वहीं पीएम मोदी ने भी हाथ जोड़कर उनका अभिवादन किया था। हालांकि मुलायम के इस भाषण से वहां बैठे विपक्षी पार्टी के सांसद कुछ असहज महसूस कर रहे थे। यहां तक कि कुछ इसके लिए मुलायम की निंदा की तो कुछ ने इसे उनकी उम्र का तकाजा बताते हुए उनको भूलने की बीमारी का शिकार बताया। बहरहाल, उस समय मामला चाहे जो रहा हो, लेकिन मुलायम सिंह का पीएम मोदी को दिया आशीर्वाद सफल होता दिखाई दे रहा है।
इन राज्यों में नहीं खुला खाता
यदि आप जम्मू एवं कश्मीर से तमिलनाडु तक जाएं तो रास्ते में पड़ने वाले आधा दर्जन राज्यों में कांग्रेस का एक भी सांसद नहीं मिलेगा। पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव में 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक भी सीट नहीं जीत पाई है। चुनाव हारने वालों में कांग्रेस के आठ मुख्यमंत्री और लोकसभा में पार्टी के नेता शामिल हैं। जिन बड़े राज्यों में कांग्रेस का खाता नहीं खुला है, उनमें राजस्थान, आंध्र प्रदेश, गुजरात और ओडिशा शामिल हैं। छोटे राज्यों में जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और उत्तराखंड शामिल हैं। इसके अलावा अंडमान एवं निकोबार, दादरा एवं नगर हवेली, दमन एंड दीव, लक्षद्वीप, मणिपुर, मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा में भी कांग्रेस कोई सीट नहीं जीत पाई है।
Published on:
23 May 2019 10:17 pm
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