त्रिपुरा में 30 सितंबर से होंगे उपचुनाव, 3 अक्टूबर को होगी वोटों की गिनती फारूक ने अनुच्छेद 35 ए के बहाने केंद्र पर निशाना साधा। शनिवार को फारूक ने कहा कि लोगों का दिल जीतने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। जब भी अनुच्छेद 35ए को हटाने जैसे मुद्दे उठते हैं, तब-तब राज्य के लोगों को ठेस पहुंचती है। अब्दुल्ला ने यहां कहा, ऐसा नहीं है कि दिल्ली ने कोई गलती नहीं की। उसने कई गलतियां की हैं। अनुच्छेद 35-ए को हटाने की क्या जरूरत है? इस तरह की चीजों से लोग दुखी होते हैं।’
अब्दुल्ला ने शीर्ष नेतृत्व को अपने शब्दों में नसीहत भी दे डाली। अब्दुल्ला बोले अगर आप दिलों से जुड़ना चाहते हैं, तो आपको लोगों का दिल जीतने के लिए कदम उठाने होंगे। इसके बिना आप नहीं जीत सकते। पूर्व केंद्रीय मंत्री शेर-ए-कश्मीर अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस सेंटर (एसकेआईसीसी) में आयोजित एक समारोह के दौरान बोल रहे थे।
एयर इंडिया की फ्लाइट में हंगामा, नशे में धुत यात्री ने सहयात्री की सीट पर किया यूरिन आपको बता दें कि नए राज्यपाल के आने के बाद से ही प्रदेश में नए समीकरणों के बनने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। जिस तरह फारूक अब्दुल्ला ने नवनिर्वाचित राज्यपाल सत्यपाल मलिक का स्वागत किया था, उससे ही कई तरह की अटकलें लगना शुरू हो गई थीं। प्रदेश की राजनीति से जुड़े जानकारों की माने तो नैशनल कॉन्फ्रेंस और भाजपा मिलकर एक बार सत्ता की दहलीज पर कदम रख सकती है। हालांकि उमर अब्दुल्ला इस बात से लगातार इनकार करते रहे हैं लेकिन राजनीति में कोई बयान या अटकल हमेशा सच हो ये निश्चित नहीं है।
फारूक ने एक बार फिर अनुच्छेद 35-ए के बहाने ही सही केंद्र को आगाह कर दिया है कि सत्ता में आना है तो लोगों को दिलों को जीतना होगा और लोगों के दिलों को जीतने के लिए 35-ए से दूर रहना होगा। आपको बता दें कि हाल में सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई को 19 जनवरी तक के लिए टाल दिया गया है।