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नितिन गडकरी ने चीन के खिलाफ सरकार का किया बचाव, कहा – जरूरतों के हिसाब से बनाने होंगे नए नियम

Published: Jul 04, 2020 08:57:51 am

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Dhirendra

देश में कुछ ऐसे नियम है जो Chinese companies को फायदा पहुंचा रहे हैं।
आत्मनिर्भर भारत मिशन के हिसाब से Laws and regulations बनाने होंगे।
Indian entrepreneurs को कम लागत वाली पूंजी पर जोर देने की जरूरत।

nitin gadkari

आत्मनिर्भर भारत मिशन के हिसाब से Laws and regulations बनाने होंगे।

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख क्षेत्र ( East Ladakh Area )में सीमा पर तनाव को लेकर देशभर में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इस मुद्दे पर अब केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ( Union Minister of Roads and Transport Nitin Gadkari ) भी चीन के खिलाफ खुलकर मैदान में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि देश में कुछ ऐसे नियम हैं जो पुराने हो चुके हैं। पुराने नियम चीनी कंपनियों ( Chinese companies ) को लाभ पहुंचा रहे हैं।
अब हमें अपनी जरूरतों के मुताबिक नियम बनाने की जरूरत है। ताकि आत्मनिर्भर भारत मिशन ( Atmanirbhar Bharat Missiom ) को हम अपने दम पर हासिल कर सकें।

राष्ट्रीय हितों को बढ़ावा देने वाले नियम बनाने की जरूरत
नितिन गडकरी ने कहा कि अब राष्ट्रीय हित ( National Interest ) में पुराने नियमों की समीक्षा का समय आ गया है। नए नियम ( New rules ) ऐसे होने चाहिए जिससे भारतीय फर्मों को लाभ मिले। साथ ही केंद्रीय मंत्री ने चीन के विरोध प्रदर्शन को बढ़ावा देने वाले सरकार के हालिया कदमों का भी खुलकर का समर्थन ( Support Government Initiatives against China ) किया।
चीन के खिलाफ केंद्र और राज्य सरकारों के स्तर पर उठाए गए कदमों का समर्थन करते हुए नितिन गडकरी ( Nitin Gadkari ) ने कहा कि हमें भारतीय उद्यमियों और ठेकेदारों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
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चीनी कंपनियों को नहीं देंगे काम

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत, चीनी कंपनियों को राजमार्ग परियोजनाओं ( Highway Projects ) में भाग लेने की अनुमति नहीं देगा। खासकर उन परियोजनाओं में जिसमें वहां की कंपनियां संयुक्त उद्यम के माध्यम से शामिल हैं। बिजली मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय कंपनियों को बिजली आपूर्ति उपकरण और घटकों को चीन से आयात करने के लिए सरकार की अनुमति की आवश्यकता होगी।
भारत को कम लागत वाली पूंजी की आवश्यकता

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि आत्मानिर्भर भारत को चीन से न जोड़ें। हमें दुनिया में अपनी प्रतिस्पर्धा बढ़ानी होगी और इसके लिए हमें कम लागत वाली पूंजी की आवश्यकता है। हमें अपनी प्रौद्योगिकी और विदेशी निवेश को MSMEs ( सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों ) में अपग्रेड करना होगा।
उन्होंने कहा कि 2 महीने पहले हमें विशेष उड़ानों के माध्यम से चीन से पीपीई किट ( PPE Kit ) आयात करना पड़ा था। आज हमारे एमएसएमई ( MSME ) इस तरह की अच्छी गुणवत्ता वाली किट बना रहे हैं। अब हम प्रति दिन 5 लाख किट का उत्पादन कर रहे हैं।
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विस्तारवाद का युग समाप्त

बता दें कि लद्दाख में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद भारतीय जवानों की हौसला अफजाई करने पीएम नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) भी शुक्रवार को लेह गए थे। पीएम मोदी ने सेना के जवानों को संबोधित करते हुए कुटिल चालें चल रहे चीन को कुछ कड़े संदेश भी दिया था। चीन को संदेश देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा – विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है। विस्तारवाद विश्व शांति एवं पूरी मानवता के लिए ख़तरा है। विस्तारवाद ने ही मानव जाति का विनाश किया।
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