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नृपेंद्र मिश्रा फिर अगले पांच साल रहेंगे PM के मुख्य सचिव, पीके मिश्रा भी अतिरिक्त प्रधान सचिव नियुक्त

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुराने साथियों पर जाताय भरोसा नृपेंद्र मिश्रा और पीके मिश्रा को मिला पांच साल का सेवा विस्तार केंद्रीय कैबिनेट की नियुक्ति समिति दोनों अधिकारियों के नाम पर लगाई मुहर

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Chandra Prakash Chourasia

Jun 11, 2019

Nripendra Mishra  and PK Mishra

नृपेंद्र मिश्रा फिर अगले पांच साल रहेंगे PM के मुख्य सचिव, पीके मिश्रा भी अतिरिक्त प्रधान सचिव नियुक्त

नई दिल्ली। रिटायर्ड आईएस नृपेंद्र मिश्रा ( nripendra mishra ) एकबार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi ) के मुख्य सचिव नियुक्त किए हैं। केंद्रीय कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने 31 मई 2019 से मिश्रा के नाम को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही अतिरिक्त प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा को भी सेवा विस्तार मिला है। दोनों अधिकारी अगले पांच साल के लिए पीएमओ में नियुक्त किए गए हैं।

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नृपेंद्र मिश्रा, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव

शीर्ष स्तर के नौकरशाह के रूप में नृपेंद्र मिश्रा का लंबा और असाधारण कॅरियर रहा है। वह ऊर्वरक सचिव से लेकर दूरसंचार सचिव और विनियामक निकाय ट्राई के प्रमुख रहे हैं। उत्तर प्रदेश काडर के 1967 बैच के आईएएस अधिकारी मिश्रा हार्वर्ड विश्वविद्यालय के जॉन एफ कैनेडी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट से लोक प्रशासन में एमपीए हैं। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से रसायन विज्ञान, राजनीतिशास्त्र और लोक प्रशासन में पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की है। प्रधान सचिव नीति निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मिश्रा को एक सक्षम और व्यवसाय समर्थक प्रशासक होने का श्रेय जाता है। वह दयानिधि मारन के मंत्री के कार्यकाल के दौरान दूरसंचार सचिव रह चुके हैं और उनको ब्राडबैंड नीति का श्रेय जाता है।

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पीके मिश्रा, प्रधानमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव

पीके मिश्रा दूसरी बार प्रधानमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव का पद संभाल रहे हैं। पीएमओ में वे सीनियर मिश्रा की तरह काफी शक्तिशाली नौकरशाह हैं। बता दें कि पीएम मोदी द्वारा यह पद अपने सबसे भरोसेमंद नौकरशाह को पीएमओ में करीब रखने के लिए बनाया गया था। मिश्रा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफी करीबी माना जाता है। वह मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान 2001 और 2004 के बीच उनके प्रधान सचिव थे। मूल रूप से ओडिशा के रहने वाले मिश्रा ने मोदी के आरएसएस प्रचारक से गुजरात का मुख्यमंत्री बनने में केंद्रीय भूमिका निभाई थी। बतौर प्रशासक अपने चार दशक के लंबे कॅरियर में मिश्रा केंद्र सरकार और गुजरात सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे।