
Rahul Gandhi, Akhilesh Yadav, Lalu Yadav, Sharad Pawar
नई दिल्ली। विपक्ष की महा-गठबंधन की कोशिश के बीच ही कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर पेश किए जाने को लेकर विपक्ष अभी से बंट गया है। शरद पवार की राकांपा, लालू प्रसाद की राजद, देवगौड़ा की जद (ध) और वामपंथी पार्टियों ने कहा है कि उन्हें इस पर कोई एतराज नहीं। वहीं, अखिलेश यादव की सपा, ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और अजीत सिंह की रालोद ने उनके दावे को ठुकरा दिया है। इस तरह मायावती की बसपा ने भी इस पर चुप्पी साध ली है।
वाम दलों को भी नहीं एतराज
राहुल के दावे को लेकर पूछे जाने पर भाकपा सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डी. राजा कहते हैं, “इसमें क्या बुराई है? किसी भी पार्टी को अधिकार है कि वह अपना पीएम उम्मीदवार तय करे।” इसी तरह बेहद महत्वाकांक्षी माने जाने वाले शरद पवार की राकांपा के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा, “इसका विरोध क्यों होना चाहिए? राहुल की दावेदारी पर हमें कोई एतराज नहीं।”
राजद खड़ा है राहुल के संग
राजद सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा कहते हैं, “कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है। सबसे बड़ी पार्टी बन कर आती है तो क्या कोई इनकार कर सकता है? हमें कोई ऐतराज नहीं होगा।” लालू जहां लंबे अरसे से सोनिया गांधी के साथ मजबूती से खड़े रहे हैं, वहीं उनके उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव का राहुल गांधी के साथ भी तालमेल अच्छा है।
देवगौड़ा ने पहले ही कर दिया ऐलान
जद (ध) अध्यक्ष एचडी देवगौड़ा ने भी इस संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि पार्टी पहले ही कर्नाटक में कांग्रेस के साथ गठबंधन में है। उन्हें इसे स्वीकार करने में कोई एतराज नहीं है। कर्नाटक में देवगौड़ा के पुत्र एचडी कुमारस्वामी कांग्रेस के साथ गठबंधन सरकार चला रहे हैं और कांग्रेस से लगभग आधे विधायक होने के बावजूद राज्य के मुख्यमंत्री हैं।
यूपी में स्वीकृति मुश्किल
लेकिन देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में राहुल को स्वीकृति मिलनी आसान नहीं। सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता घनश्याम तिवारी कहते हैं, “महागठबंधन के पास हर राज्य में एक अच्छा नेतृत्व है। साथ ही चुनाव लोगों की मूलभूत जरूरतों के मुद्दे पर होगा, व्यक्ति के नाम पर नहीं। अखिलेश यादव ने कहा भी है कि जो उत्तर प्रदेश को पसंद होता है वह देश को पसंद होता है।”
विपक्ष ने अपना पीएम उम्मीदवार घोषित नहीं किया: जयंत चौधरी
राहुल की दावेदारी पर रालोद के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी भी सहमत नहीं। वे कहते हैं, “मुझे नहीं लगता कि चुनाव से पहले विपक्ष अपना प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित कर रहा है।” हालांकि लगे हाथ वे यह भी कह देते हैं कि इसे विपक्ष में नेतृत्व को लेकर टकराव के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए।
तृणमूल और बसपा का इनकार
उधर, तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इस बारे में नाम नहीं छापने की शर्त पर कहते हैं कि उनकी पार्टी इस दावे को अनावश्यक मानती है। इसी तरह बसपा प्रमुख मायावती भी इससे सहमत नहीं।
Updated on:
24 Jul 2018 10:52 am
Published on:
24 Jul 2018 10:19 am
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