आखिर होने क्या वाला है? महज इतने घंटे में एक ही जगह 5 बार आया भूकंप, आज सुबह तीन बार दहला देश राहुल गांधी द्वारा जारी किए जा रहे सीरीज के तीसरे वीडियो में उन्होंने कहा कि जीएसटी वास्तव में यूपीए सरकार का आइडिया था। यह एक टैक्स, सरल टैक्स और साधारण था। हालांकि एनडीए सरकार ने इसे जटिल बनाकर रख दिया। राहुल ने कहा, “एनडीए सरकार द्वारा लागू किए गए जीएसटी में चार अलग-अलग तरह के टैक्स हैं। इनका टैक्स 28 प्रतिशत तक है और यह बड़ा जटिल है। यह टैक्स समझने में बहुत मुश्किल है।”
उन्होंने आगे कहा कि छोटे और मझोले व्यापारी इस टैक्स को भर ही नहीं सकते हैं, जबकि बड़ी कंपनियां काफी आसानी से भर सकती हैं। ऐसी कंपनियां 5-10 अकाउंटेंट लगा सकती हैं। राहुल गांधी ने पूछा, “देश में अलग-अलग तरह के ये चार टैक्स रेट क्यों हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकार चाहती है कि जीएसटी तक जिसकी पहुंच हो वो इसे आसानी से बदल पाए। जबकि जिसकी पहुंच न हो वो जीएसटी के बारे में कुछ न कर सके। हिंदुस्तान के जिन 15-20 उद्योगपतियों की पहुंच है तो जो भी टैक्स का कानून वे बदलना चाहते हैं, इस जीएसटी रेजीमे में आसानी से बदल सकते हैं।”
Coronavirus के बढ़ते केसों के बीच पहली बार देश को मिली यह कामयाबी राहुल ने आगे कहा, “यह जीएसटी पूरी तरह से विफल है। यह गरीबों पर और छोटे-मझोले व्यवसायों पर हमला है। जीएसटी एक टैक्स सिस्टम नहीं है। यह भारत के गरीबों पर आक्रमण है। छोटे दुकानदारों, छोटे-मझोले व्यवसायों, किसानों और मजदूरों पर आक्रमण है।”
कांग्रेस सांसद ने कहा, “हमें इस आक्रमण को पहचानना होगा। इसके खिलाफ हम सबको मिलकर खड़े होना होगा। एनडीए की जीएसटी का नतीजा यह है कि आज केंद्र सरकार राज्यों को जीएसटी का पैसा ही नहीं दे पा रही है। प्रदेश सरकारें, कर्मचारियों को पैसा नहीं दे पा रही हैं।”
मुसाफिरों के लिए खुशखबरी, भारतीय रेलवे चलाने जा रहा 40 जोड़ी नई Special Trains राहुल ने इससे पहले बुधवार को सीरीज का अपना दूसरा वीडियो जारी कर आरोप लगाया था कि नोटबंदी भारत के गरीबों-किसानों-मजदूरों और छोटे दुकानदारों पर हमला था। यह भारत की असंगठित अर्थव्यवस्था पर हमला था। राहुल ने कहा था कि प्रधानमंत्री के दावे से उलट नोटबंदी ने काले धन को नहीं मिटाया। इससे गरीबों को फायदा नहीं हुआ और इसका फायदा देश के सबसे बड़े अरबपतियों को मिला।