विपक्ष के कई नेताओं को भी भेजा आमंत्रण
अब मिल रही जानकारी के मुताबिक व्याख्यान माला ‘भविष्य का भारत : आरएसएस का दृष्टिकोण’ में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सीपीआइ-एम के महासचिव सीताराम येचुरी, बहुजन समाज पार्टी सप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, अन्य विपक्षी नेताओं सहित लगभग 3000 लोगों को आमंत्रण भेजा गया है।
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पाकिस्तान को नहीं लेकिन चीन को गया न्योता
संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि चीन के साथ सांस्कृतिक समानताएं हैं, इसलिए न्योता दे रहे हैं। हालांकि, अतिथियों की सूची में पाकिस्तान का नाम नहीं है। वहीं सभी बड़े राजनीतिक दलों के नेताओं के अलावा सभी धर्मों के धार्मिक नेता, फिल्मी सितारे, खिलाड़ी, पत्रकार, सेवानिवृत्त न्यायाधीश और सशस्त्र बलों के पूर्व प्रमुखों को न्योता दिया है।
अंतिम दिन होगा संवाद सत्र
कार्यक्रम के तीसरे व अंतिम दिन संवाद सत्र रहेगा। इसमें मोहन भागवत विभिन्न समकालीन मुद्दों पर संघ के विचार रखेंगे। संघ के दृष्टिकोण को बताने और उसके कामकाज एवं विचारधारा के बारे में गलत धारणाओं को मिटाने के लिए यह अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है।
मुस्लिम ब्रदरहुड से की थी संघ की तुलना
लंदन के एक कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरएसएस की तुलना सुन्नी इस्लामी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से की। उन्होंने कहा कि आरएसएस भारत के हर संस्थान पर कब्जा करना चाहता है और देश के स्वरूप को ही बदलना चाहता है। राहुल गांधी ने लंदन में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट आफ स्ट्रेटजिक स्टडीज (आईआईएसएस) के एक कार्यक्रम में यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि हम एक संगठन से संघर्ष कर रहे हैं जिसका नाम आरएसएस है जो भारत के मूल स्वरूप (नेचर आफ इंडिया) को बदलना चाहता है। भारत में ऐसा कोई दूसरा संगठन नहीं है जो देश के संस्थानों पर कब्जा जमाना चाहता हो। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हम जिससे जूझ रहे हैं वह एकदम नया विचार है। यह ऐसा विचार है जो अरब जगत में मुस्लिम ब्रदरहुड के रूप में पाया जाता है। और, यह विचार यह है कि एक खास विचार को हर संस्थान को संचालित करना चाहिए, एक विचार को बाकी सभी विचारों को कुचल देना चाहिए। इस बयान के बाद राहुल गांधी ने की जमकर आलोचना हुई थी।