
पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह।
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव ( Delhi Assembly Election ) में मोदी-शाह-नड्डा की टीम द्वारा पूरी ताकत लगाने के बाद भी भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) को 70 में से सिर्फ 8 सीटों पर ही जीत हाथ लगी। इसे बीजेपी के लिए बड़ी हार मारा जा रहा है। इतना ही नहीं चुनाव में मिली हार से साफ हो गया है कि बीजेपी दिल्ली के लोगों की नब्ज को पकड़ पाने में नाकाम रहीं। इस बात का खुलासा राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS) ने अपने मुखपत्र ऑर्गनाइजर ( Organiser ) में लिखा है कि पार्टी को अपनी नीतियों पर नए सिरे से विचार करने की जरूरत है।
आरएसएस के मुखपत्र आर्गेनाइजर में बीजेपी को चेतावनी देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ( pm modi and Amit shah) हमेशा बीजेपी की मदद नहीं कर सकते। पार्टी को नए सिरे से खुद को रीबिल्ड करना होगा।
आर्गेनाइजर ने अपने लेख में बताया है कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह हमेशा विधानसभा स्तर के चुनावों में मदद नहीं कर सकते और कोई विकल्प नहीं है। लेकिन दिल्ली में स्थानीय लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए पार्टी को नए सिरे से तैयार करने की जरूरत है। आर्गेनाइजर ने 'Delhi's Divergent Mandate' नामके टाइटल में दिल्ली में श्सिटी-स्टेट वोटिंग बिहेवियर काे समझने पर जोर दिया है।
आर्गेनाइजर ने अपने आर्टिकल में लिखा है कि श्शाहीन बाग नरेटिवश् बीजेपी के लिए असफल रहा क्योंकि अरविंद केजरीवाल इस मुद्दे पर एकदम स्पष्ट थे। हालांकि लेखक ने केजरीवाल के भगवा अवतार पर भी प्रकाश डाला है और संकेत दिए हैं कि बीजेपी को उन पर नजर रखनी चाहिए।
आरएसएस के मुखपत्र में कहा गया है कि सीएए के बहाने मुस्लिम कट्टरवाद के इस जिन्न का प्रयोग हुआ जो केजरीवाल के लिए परीक्षण का नया मैदान बन सकता है। अरविंद केजरीवाल ( Arvind Kejriwal ) ने इस खतरे पर किस तरह प्रतिक्रिया दी है। उनका हनुमान चालीसा पढ़ना कितना सही था? इससे पहले खबर आई थी कि संघ और वीएचपी दोनों ने ही हिंदू-केंद्रित राजनीति की जिसके चलते केजरीवाल को बदलते ट्रेंड को अपनाना पड़ा। लेकिन केतकर का मानना है कि यह आप की श्असलश् साइड नहीं है।
Updated on:
21 Feb 2020 11:20 am
Published on:
21 Feb 2020 09:52 am
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