सामना के संपादकीय में संजय राउत ने कहा कि जब मुंबई का अपमान होता है तो ये सब गर्दन झुकाकर बैठ जाते हैं। उन्होंने लिखा है कि एक नॉटी अभिनेत्री मुंबई में बैठकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के लिए तू-तड़ाक की भाषा का इस्तेमाल करती है।
देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे पर बोला बड़ा हमला, कहा – महाराष्ट्र में है स्टेट स्पॉन्सर्ड टेरर ये कैसी आजादी है उन्होंने संपादकीय में लिखा है कि समझ में नहीं आता कि ऐसे मामलों में महाराष्ट्र की जनता द्वारा कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी जाती। ये कैसी आजादी है? शिवसेना प्रवक्ता ने लिखा है कि कम-से-कम आधे हिंदी फिल्म जगत को तो मुंबई के अपमान के विरोध में आगे आना ही चाहिए था।
महाराष्ट्र के लोगों को कहना चाहिए था कि अभिनेतत्री कंगना रनौत का मत पूरे फिल्म जगत का मत नहीं है। कम-से-कम अक्षय कुमार जैसे बड़े कलाकारों को तो मुंबई का पक्ष लेना चाहिए था।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और लालू यादव के करीबी Raghuvansh Prasad Singh नहीं रहे, पीएम मोदी ने जताया शोक मुंबई का आभार जताने में तकलीफ क्यों होती है ताज्जुब है कि मुंबई ने हर किसी को कुछ न कुछ दिया है। लेकिन इस बात के लिए मुंबई का आभार जताने में कइयों को तकलीफ होती है। दुनियाभर के रईसों के घर मुंबई में हैं। मुंबई का जब अपमान होता है सब के सब गर्दन झुकाकर बैठ जाते हैं। या चुप रहना पसंद करते हैं। संजय राउत ने बॉलीवुड पर हमलावर रुख अपनाते हुए लिखा है कि मुंबई का महत्व सिर्फ दोहन व पैसा कमाने के लिए होता है।
मुंबई पर पहला हक महाराष्ट्र का आपको बता दें कि बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना के खिलाफ बहुत कम लोगों ने आवाज उठाई है। जबकि कंगना रनौत के समर्थन में अनुपम खेर और शेखर सुमन खुलकर सामने आए हैं। अफसोस तो तब होता है बॉलीवुड के अधिकांश लोगों ने इस मुदृदे पर चुप्पी साध ली। शिवसेना नेता ने अक्षय की आड़ में एक बार फिर कंगना रनौत पर हमलावर रुख अख्तियार करते हुए लिखा है कि उसके अवैध निर्माण पर हथौड़ा चला तो वह छाती पीटने लगी। इतना नाराज हुई कि मुंबई को पाकिस्तान करार दिया। यह कैसा खेल है?