सिन्हा के ‘मन की बात’ एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में सिन्हा ने कहा कि पीएम मोदी ने जैसे-तैसे लोगों को क्या नहीं बना दिया। स्मृति ईरानी चुनाव हार गईं, फिर भी उन्हें मानव संसाधन विभाग सौंपा गया। अरुण जेटली चुनाव हार गए, इसके बावजूद उन्हें केन्द्रीय मंत्रिमंडल में तीन-तीन महत्वपूर्ण विभाग दिए गए। उन्होंने कहा कि पीएम ने मुझे इतना नाकाबिल समझा कि रिकॉर्ड जीत के बाद भी मंत्री पद नहीं दिया गया। सिन्हा ने कहा कि वे बिहार के मुख्यमंत्री पद की पेशकश को कई बार ठुकरा चुके हैं और आगे भी उन्हें मुख्यमंत्री बनने का कोई इरादा नहीं है। सिन्हा के इस बयान से साफ स्पष्ट है कि उन्हें मंत्रीपद नहीं दिया गया, जिस कारण वो पार्टी के शीर्ष नेताओं और पीएम से नाराज हैं।
पार्टी को लेकर सिन्हा ने कही इतनी बड़ी बात वहीं, जब उनसे पूछा गया कि क्या भाजपा से आपको मोहभंग हो गया है। इस पर सिन्हा ने कहा कि भाजपा मेरी पार्टी रही है, उससे भावनात्मक लगाव है। मैंने अटल जी, आडवाणीजी के सानिध्य में काम किया है। लेकिन, आज माहौल बदला हुआ है, क्या हो रहा है किसी से छुपा नहीं है? देखकर तकलीफ होती है। अब देखना यह है कि अगामी लोकसभा चुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा क्या एक्शन लेते हैं या फिर भाजपा उनको लेकर क्या रणनीति बनाती है। क्योंकि, चर्चा यह है कि पार्टी उन्हें साइड लाइन कर पटना साहिब से किसी और को चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रही है। वहीं, सिन्हा भी कह चुके हैं कि वो पटना साहिब से ही चुनाव लड़ेंगे, चाहे पार्टी कोई भी हो।