
प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव
लखनऊ : प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने शुक्रवार को कहा कि यूपी में नगरीय निकाय चुनाव प्रसपा अपने दम पर अकेले लड़ेगी । हमने पिछले अनुभवों से सीख ली है इसलिए किसी भी पार्टी से कोई समझौता नहीं हो सकता है।
शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) समावेशी राष्ट्रवाद के सिद्धांत के साथ आगे बढ़ेगी। उन्होंने किसी की नाम लेते हुए कहा कि राम के नाम पर विभाजन व नफरत की राजनीति की इजाजत किसी को नहीं है । प्रदेश में हर व्यक्ति को अच्छी शिक्षा, अच्छी चिकित्सा और शुद्ध पानी मिलने का अधिकार है। उन्होंने आगे कहा कि अनिवार्यत गरीबों को ये सब चीजें निःशुल्क उपलब्ध कराकर लोक कल्याणकारी राज्य का उदाहरण प्रस्तुत किया जाना चाहिए ।
प्रदेश महासचिव प्रेम प्रकाश वर्मा ने सामाजिक आर्थिक प्रस्ताव पेश किया। इस पर प्रदेश कार्यकारिणी ने नौकरशाही को जवाबदेह, पारदर्शी व जनोन्मुखी बनाने की मांग की। कार्यकारिणी ने लोकसभा चुनाव में गठबंधन पर निर्णय का अधिकार राष्ट्रीय अध्यक्ष को दे दिया है।
जातीय जनगणना होनी चाहिए
प्रसपा प्रदेश अध्यक्ष आदित्य यादव ने कहा कि देश में जातीय जनगणना होनी चाहिए । जिससे लोगों को पता चले कि देश की किस जाति की के कितने लोग हैं। उन्होंने प्रदेश में प्रतिव्यक्ति आय में पिछड़ापन, आर्थिक असंतुलन व बढ़ते कर्ज के लेकर चिंता जताई। यूपी प्रदेश आज आय के मामले में 32 वें स्थान पर है। कहा देश की प्रति व्यक्ति आय 1.49 लाख रुपये है जबकि प्रदेश में आय 81,398 रुपये है।
गौरतलब है कि शिवपाल सिंह यादव सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा और सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव के भाई है। 2016 में शिवपाल और अखिलेश के बीच अनबन हो गई थी जिससे चाचा शिवपाल ने अखिलेश का साथ छोड़कर 2018 में अपनी अलग पार्टी प्रगतिशील बनाई ।
2022 विधानसभा के चुनाव में दोनों पार्टियों ने गठबंधन करके चुनाव लड़ा। प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने सपा के टिकट पर जसवंतपुर से चुनाव लड़ा और जीते। चुनाव परिणाम आने के बाद फिर से दोनों में अनबन हो गए। राष्ट्रपति चुनाव में अखिलेश ने उन्हें मुक्त कर दिया और अब शिवपाल सिंह यादव अलग होकर अपनी पार्टी के संगठन को मजबूत करने का काम कर रहे हैं।
Updated on:
17 Sept 2022 12:01 pm
Published on:
17 Sept 2022 12:00 pm
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