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सोनिया गांधी का मोदी सरकार पर हमला, पूछा- सरकारी कंपनियों के निजीकरण के पीछे मंशा क्‍या है?

Sonia Gndhi ने मोदी सरकार की मंशा पर उठाए सवाल public sector companies का सरकार करना चाहती निजीकरण हजारों मजदूर हो जाएंगे बेरोजगार

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सोनिया गांधी (फाइल फोटो)

सोनिया गांधी (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली। मंगलवार को लोकसभा में रायबरेली से सांसद और यूपीए अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्‍होंने सदन की कार्यवाही के दौरान अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली सहित भारतीय रेल की 6 यूनिटों के निजीकरण का मुद्दा उठाया। सोनिया ने कहा कि रायबरेली की कोच फैक्ट्री का कंपनीकरण हो रहा है जो निजीकरण की शुरुआत है।

बेरोगारी को मिलेगा बढ़ावा

सोनिया गांधी ने लोकसभा में कहा कि रेलवे की ये 6 यूनिट्स देश की अमूल्य संपत्ति हैं। इसे कौड़ियों के दाम निजी स्‍वामित्‍व वाले कंपनियों के हवाले करने की पहली प्रक्रिया जारी है। इससे हजारों लोग बेरोजगार होंगे।

उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है

लोकसभा में सोनिया गांधी ने कहा कि बहुत ही दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि यह सरकार मजदूर और गरीब लोगों को भूलकर सिर्फ कुछ पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए काम कर रही है। मजदूरों का हक छीनकर कैसे उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है।

निजीकरण के लिए सबसे पहले रायबरेली को चूना

यूपीए अध्‍यक्ष सोनिया गांधी आश्‍चर्य जताते हुए कहा कि इसकी शुरुआत रायबरेली से ही हो रहा है। मोदी सरकार रायबरेली के मॉडर्न कोच कारखाने को सबसे पहले निजी क्षेत्र के हाथों में सौंपने की योजना पर काम कर रही है। जबकि यह भारतीय रेल का सबसे बड़ा कारखाना है।

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में तत्कालीन यूपीए सरकार ने देश के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मेक इन इंडिया के तहत रायबरेली में रेल कारखाने की शुरुआत की थी।

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बेहतर और सस्‍ता कोच बनाने के लिए चर्चित है रायबरेली

सोनिया गांधी ने कहा कि रायबरेली रेल कोच फैक्‍ट्री में बुनियादी क्षमता से ज्यादा उत्पादन होता है। यह भारतीय रेलवे का सबसे आधुनिक और पुराना कारखाना है। सबसे अच्छी इकाइयों में से एक है। सबसे बेहतर और सस्‍ता कोच बनाने के लिए चर्चित है।

पहले इन इन फैक्ट्रियों का होगा निजीकरण

बता दें कि भारतीय रेलवे ने डीजल लोकोमोटिव वर्क्स (DLW) समेत अपने सभी प्रोडक्शन यूनिट्स के निजीकरण की प्रक्रिया तेज कर दी है। निजीकरण के तहत देश के सभी 6 कोच फैक्ट्रियों को पहले निगम का रूप दिया जाएगा।

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जिन फैक्ट्रियों का निगमीकरण होगा उनमें डीजल लोकोमोटिव वर्क्स (वाराणसी), चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स (आसनसोल), इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (चेन्नई), डीजल मॉडनाइजेशन वर्क्स (पटियाला), व्हील एंड एक्सल प्लांट (बेंगलूरु) और मॉर्डन कोच फैक्ट्री (रायबरेली) शामिल है।