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सरकार बोली- दुष्कर्मी को मिलेगी फांसी, स्वाति मालिवाल ने कहा- कानून बनने तक अनशन

केंद्र बेशक बलात्कारियों के फांसी का कानून बनाने की बात कह दी है लेकिन स्वाति मालीवाल ने कहा कि कानून बनने तक अनशन जारी रखूंगी।

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Chandra Prakash Chourasia

Apr 20, 2018

Swati Maliwal hunger strike

नई दिल्ली। कठुआ और उन्नाव में दुष्कर्म की घटनाओं के विरोध में दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल का अनशन जारी है। शुक्रवार को केंद्र सरकार ने भी सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि वह 12 साल से कम के बच्चों से दुष्कर्म करने वालों को मौत की सजा का प्रस्ताव कर रहे हैं। इसके बाद भी मालीवाल आठ दिनों से चल रहा अपना अनशन खत्म नहीं करने का फैसला किया है।

कानून बनने तक करूंगी अनशन: स्वाति
स्वाति मालीवाल ने कहा कि वह नए कानून के लागू होने तक अपना अनशन खत्म नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि हर रोज सरकार द्वारा अदालतों में हलफनामे जमा किए जाते हैं। जब तक कानून लागू नहीं होता, मैं नहीं रूकूंगी। नाबालिगों के साथ दुष्कर्म के दोषियों को छह महीने के भीतर मौत की सजा का कानून होना चाहिए।

केजरीवाल ने दी बधाई
केंद्र के हलफनामे के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'स्वाति मालीवाल बधाई। अब आपको अनशन खत्म करना चाहिए। हम सभी को अब इन कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन पर काम करना चाहिए और बाकी की मांगों के लिए काम जारी रखना चाहिए।'

'अनशन नहीं खत्म करूंगी'
अरविंद केजरीवाल के ट्वीट इस पर स्वाति मालीवाल ने कहा कि वह केजरीवाल के आग्रह का सम्मान करती हैं, लेकिन वह दुष्कर्मियों के खिलाफ कानून लागू होने तक अनशन नहीं खत्म करेंगी।

सरकार ने कहा- दुष्कर्मी के लिए बनेगा फांसी प्रावधान

केंद्र सरकार ने कहा है कि मासूमों के साथ रेप की सजा को आगे बढ़ा कर फांसी करने के काम में सरकार जुट गई है। इस संबंध में प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई 27 अप्रैल को करेगा।
बता दें कि केंद्र सरकार 12 साल तक के उम्र के बच्चों के साथ रेप की घटना को अंजाम देने वालो को फांसी की सजा दिए जाने की व्यवस्था कर रही है। केंद्र ने यह बात एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट से कही हैं। केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी भेजी गई है। इस चिट्ठी में लिखा गया कि 12 साल तक के बच्चों के साथ रेप जैसी घटना को अंजाम देने वाले दोषी को अधिकतम फांसी की सजा का प्रावधान करने के लिए केंद्र सरकार POCSO एक्ट में बदलाव करने जा रही है।


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