14 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

CAA के​ खिलाफ केरल के बाद अब तमिलनाडु विधानसभा में भी प्रस्ताव पेश करने की तैयारी

तमिलनाडु विधानसभा ( Tamil Nadu Assembly) में CAA के खिलाफ प्रस्‍ताव पारित करने की तैयारी केरल ( Kerala ) के बाद तमिलनाडु (Tamil Nadu) में भी जल्द ही ऐसा ही रिजॉल्‍यूशन पेश हो सकता है

less than 1 minute read
Google source verification
CAA के​ खिलाफ केरल के बाद अब तमिलनाडु विधानसभा में भी प्रस्ताव पेश करने की तैयारी

CAA के​ खिलाफ केरल के बाद अब तमिलनाडु विधानसभा में भी प्रस्ताव पेश करने की तैयारी

नई दिल्ली। केरल के बाद अब तमिलनाडु विधानसभा ( Tamil Nadu Assembly) में नागरिकता संशोधन कानून 2019 (CAA 2019) के खिलाफ प्रस्‍ताव पारित करने की तैयारी चल रही है। तमिलनाडु (Tamil Nadu) में भी जल्द ही ऐसा ही रिजॉल्‍यूशन पेश हो सकता है। जानकारी के अनुसार यह पहल द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) की ओर से शुरू की गई है। आपको बता दें कि तमिलनाडु में विपक्षी पार्टी के नेता एमके स्टालिन (MK Stalin) ने केरल विधानसभा ( Kerala Assembly ) में पेश इस प्रस्ताव का स्वागत किया था। यही नहीं स्टालिन ने तमिलनाडु के सीएम से भी 6 जनवरी को बुलाई गई विधानसभा में भी केरल की तर्ज पर ऐसा ही प्रस्ताव लगाने की जिक्र किया था।

सीएए को लेकर आमने—सामने केरल और केंद्र सरकार, राज्यपाल ने याद दिलाया अधिकार

दरअसल, स्टालिन ने कहा था कि 'जनता चाहती है कि देश के हर राज्य की विधानसभा में केरल की तर्ज पर प्रस्ताव पारित हो।' वहीं, केरल में सीएए को लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार आमने—सामने आ गई हैं। केरल विधानसभा में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए)को हटाने के लिए पास हुए प्रस्ताव को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने गलत करार दिया है।

उत्तर भारत में धूप के साथ तापमान में मामूली बढ़ोत्तरी, बारिश की संभावना

उन्होंने गुरुवार को कहा कि किसी राज्य को केंद्रीय विषयों पर प्रस्ताव पास करने का अधिकार ही नहीं है। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, "नागरिकता का मामला केंद्र सरकार का विषय है, इसको लेकर राज्य सरकार के प्रस्ताव पारित करने का कहीं कोई संवैधानिक आधार नहीं है।"
मुख्यमंत्री पिनराई विजयवन ने मंगलवार को विधानसभा में सीएए हटाने के लिए प्रस्ताव पेश किया था जिसे बाद में विधानसभा ने पारित किया था।