TMC Changes Stance: राजनीति में अक्सर ही पार्टियों के रुख बदलते रहते हैं। और ऐसा ही हाल में टीएमसी के मामले में भी देखने को मिला है। हाल ही में टीएमसी ने अपना रुख बदलते हुए काँग्रेस की विपक्ष के लिए रखी मीटिंग में हिस्सा लिया। यह मीटिंग काँग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुलाई थी।
राजनीति में कब क्या मोड़ आ जाए, इस बारे में पहले से कोई भी कुछ नहीं कह सकता। राजनीतिक गलियारों में कब कौनसी पार्टी किस तरफ चली जाए, इस बारे में अंदाजा लगाना आसान नहीं है। ऐसा ही कुछ हाल ही में देखने को मिला है जब टीएमसी (तृणमूल काँग्रेस - TMC) ने अपना रुख बदल लिया। पिछले कुछ समय से ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) की टीएमसी पार्टी संसद में काँग्रेस (Congress) और उनके मुद्दों से दूरी बना कर चल रही है। पर टीएमसी ने अपना रुख बदलते हुए हाल ही में विपक्ष की एक मीटिंग (Opposition Meeting) में काँग्रेस के साथ हिस्सा लिया। यह मीटिंग काँग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने बुलाई थी। इस मीटिंग के बाद टीएमसी ने अपनी भी एक मीटिंग बुलाई।
टीमसी की तरफ से कौन हुआ विपक्ष की मीटिंग में शामिल?
काँग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा बुलाई गई विपक्ष की मीटिंग में टीएमसी की तरफ से दो नेताओं ने हिस्सा लिया। टीएमसी से लोकसभा सांसद प्रसून बनर्जी और राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने इस मीटिंग में हिस्सा लिया।
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राहुल की सांसदी रद्द होने का किया विरोध
टीएमसी ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की सांसदी रद्द होने की आलोचना की। टीएमसी नेताओं ने इस मामले पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। इसके साथ ही विपक्षी पार्टियों के साथ संसद के बाहर काले कपड़े पहनकर विरोध प्रदर्शन भी किया। इस विरोध प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों ने 'डेमोक्रेसी इस डेड' यानी कि 'लोकतंत्र मर गया' के स्लोगन भी दिखाएं।
क्या बदल सकते हैं राजनीतिक समीकरण?
काँग्रेस और टीएमसी में काफी समय से फासले हैं। टीएमसी अक्सर ही काँग्रेस से दूरी बनाकर चलती है। पर राहुल गांधी की सांसदी रद्द होने पर टीएमसी ने इसका विरोध करते हुए न सिर्फ काँग्रेस के साथ विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया, बल्कि उनके साथ विपक्ष की मीटिंग में भी हिस्सा लिया। राहुल की सांसदी रद्द होने से दोनों राजनीतिक पार्टियों के बीच के फासले कुछ कम ज़रूर हुए हैं। अगले साल देश में लोकसभा चुनाव हैं। ऐसे में देखना होगा कि क्या दोनों टीएमसी और काँग्रेस के बीच राजनीतिक समीकरण बदलेंगे और दोनों पार्टियाँ एक साथ आएंगी, या नहीं।