
क्यों भाजपा बिन मेयर पद के उम्मीदवार के उतर रही है चुनावी दंगल में
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी के दो नेता ऐसे रहे, जिनका अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) की आंधी में भी कुछ नहीं बिगड़ा। लगातार दूसरी बार सीट बचाने में सफल रहे ये नेता हैं रोहिणी विधानसभा सीट से जीत हासिल करने वाले विजेंद्र गुप्ता और विश्वासनगर से तीसरी बार विधायक बने ओम प्रकाश शर्मा।
विश्वासनगर की बात करें तो 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के ओम प्रकाश शर्मा ने कांग्रेस को हराकर दूसरी बार भाजपा का कब्जा इस सीट पर जमाया था। इससे पहले 1993 में यह सीट भाजपा ने जीती थी। इसके बाद 2015 में केजरीवाल की आंधी के दौरान भी ओमप्रकाश शर्मा भाजपा की यह सीट बचाने में सफल रहे थे और अब 2020 के विधानसभा चुनाव में भी जीतने में सफल रहे।
वहीं, रोहिणी विधानसभा की बात करें तो यह सीट उत्तर पश्चिम दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में आती है। वर्ष 2015 में आम आदमी पार्टी की लहर में भी विजेंद्र गुप्ता ने भाजपा को जीत दिलाई थी और अब 2020 में भी पार्टी के कब्जे में सीट रखने में सफल हुए हैं। इन दोनों नेताओं की आम आदमी पार्टी की आंधी में भी लगातार सीट बचाने पर पार्टी के नेता उन्हें 'दिल्ली के दबंग' का तमगा देते हैं।
गौरतलब है कि मंगलवार को घोषित हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों ने एक बार फिर से आम आदमी पार्टी के हाथ में सत्ता सौंप दी है। चुनाव आयोग ने दिल्ली की सभी 70 सीटों के परिणाम घोषित कर दिए हैं और इनमें 62 सीटों पर जीत के साथ आप ने प्रचंड बहुमत हासिल किया है। हालांकि आप को पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में पांच सीटों का नुकसान हुआ है।
जबकि दूसरे पायदान पर 8 सीटों के साथ पहुंची भाजपा दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर सकी। भाजपा ने इस बार आप को पांच सीटों का नुकसान पहुंचाया है। जबकि कांग्रेस के हाथ एक भी सीट नहीं आई है और पार्टी ने पिछले चुनाव की ही पुनरावृत्ति की है। दिल्ली में अब लगातार तीसरी बार अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बनेंगे।
वहीं, कांग्रेस की करारी शिकस्त के बाद पार्टी के दिल्ली प्रभारी सुभाष चोपड़ा ने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
Updated on:
11 Feb 2020 11:09 pm
Published on:
11 Feb 2020 11:05 pm
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