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गिरिराज सिंह ने विपक्ष को बताया ओसामावादी, पहले संबित ने की थी हाफिज सईद से तुलना

अपने इस विवादित ट्वीट में उन्होंने इन दलों की तुलना अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी ओसामा बिन लादेन से करते हुए, पार्टियों को ओसामावादी बताया।

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Union minister giriraj singh termed opposition as osamawadi

विपक्ष को लेकर गिरिराज सिंह का बड़ा बयान, हाफिज सईद के बाद ओसामा कर डाली तुलना

पटना। अगले वर्ष 2019 की लोकसभा चुनाव की तैयारी में जहां एक तरफ विपक्ष एकजुट होता नजर आ रहा है वहीं भाजपा की ओर से विपक्षी दलों पर लगातार तीखे हमले साधे जा रहे हैं। अब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ट्वीट में विपक्षियों पर निशाना साधा है। अपने इस विवादित ट्वीट में उन्होंने इन दलों की तुलना अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी ओसामा बिन लादेन से करते हुए, पार्टियों को ओसामावादी बताया।

ट्वीट कर विपक्षियों को कहा 'ओसामावादी'

सोमवार की सुबह केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट में कटाक्ष करते हुए लिखा बेशक सब दल एकजुट हो जाए लेकिन फिर भी 2019 में उन्हीं की सरकार बनेगी। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, 'माओवादी, जातिवादी, सामंतवादी और ओसामावादी सभी राष्ट्रवादी गठबंधन (NDA) के ख़िलाफ़ एकजुट हो गए हैं। लेकिन विकास की अविरल गंगा में बहते हुए NDA की नाव नियत गति से 2019 का पड़ाव अवश्य पार करेगी'।

भाजपा प्रवक्ता ने की थी हाफिज सईद की तुलना

गौरतलब है कि ये पहला मौका नहीं है जब भाजपा के किसी नेता ने विपक्षी दलों के महागठबंधन की तुलना आतंकवादी से की हो। इससे बीते रविवार को ही भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने महागठबंधन की तुलना पाकिस्तान के आतंकवादी हाफिज सईद से की थी। उन्होंने ट्विटर पर अपने पोस्ट में एक वीडियो का लिंक भी शेयर किया था, जिसमें हाफिज सईद एक भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रोकने का दावा करता नजर आ रहा है। इस पोस्ट में भाजपा प्रवक्ता ने लिखा, ' इसमें कोई नई बात नहीं है कि अभी ठीक से गठित भी नहीं हुआ ये 'महागठबंधन' 2019 में मोदी को प्रधानमंत्री बनने से रोकना चाहता है, ऐसे कई अन्य लोग भी हैं जो यही चाहते हैं। हाफिज सईद खुलेआम नरेंद्र मोदी का खून बहाने की बात कर रहा है।'

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महागठबंधन 2019 के लिए चुनौती

आपको बता दें कि 31 मई को आए 14 सीटों पर हुए उपचुनावों के नतीजों में भाजपा को करारी हार झेलनी पड़ी है। विपक्षी एकजुटता के कारण, कैराना और नूरपुर सीट गंवाने के साथ-साथ भाजपा की कई सीटों पर विपक्षी दलों ने बाजी मार ली थी। साथ ही कर्नाटक चुनाव में जो हुआ वो सब देखते हुए महागठबंधन को 2019 के चुनाव में मोदी की अगुवाई वाली इस सरकार के लिए बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।