
ममता बनर्जी बोलीं- EVM पर नहीं है भरोसा, विरोध में TMC करेगी डोर टू डोर कैंपेन
नई दिल्ली।लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिले प्रचंड बहुमत ने एकबार फिर EVM में गड़बड़ी के जिन्न को बोतल से बाहर निकाल दिया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ( Mamata Banerjee ) ने इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराने की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि हमें ईवीएम नहीं चाहिए, इसपर भरोसा नहीं होता है। हमें एकबार फिर बैलेट पेपर ( ballot papers ) पर लौटना होगा। इसके साथ ही ममता ने ईवीएम की जांच के लिए एक समीति बनाने की मांग की है।
EVM के खिलाफ सभी को साथ आने की अपील: ममता
सोमवार को ममता बनर्जी लोकसभा चुनाव में टीएमसी के प्रदर्शन की समीक्षा के लिए एक बैठक बुलाई थी। इसमें नव निर्वाचित सांसदों, विधायकों, मंत्रियों समेत भारी संख्या में कार्यकर्ता भी शामिल हुए। इसी दौरान सीएम ममता ने ऐलान किया कि EVM के खिलाफ टीएमसी पूरे देश में दूसरे राजनीतिक दलों के सहयोग से अभियान चलाएगी। ममता ने कहा कि धोखाधड़ी की वजह से ही अमरीका जैसे देशों में ईवीएम रिजेक्ट किया जा चुका है।
खास पार्टी के लिए EVM में छेड़छाड़
लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर ममता ने सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान जिन मशीनों को बदला गया वो निष्पक्ष मतदान के लिए प्रोग्राम्ड नहीं थे। उन्हें सिर्फ एक खास पार्टी के लिए प्रोग्राम किए गए थे। ईवीएम में हुई छेड़छाड़ की वजह से ही वे ( बीजेपी ) बंगाल में 23 सीटें जीतने का दावा कर रही थी।
नहीं थमा 'जय श्री राम' पर विवाद
कार्यकर्ताओं से बात करते हुए ममता ने 'जय श्री राम' नारे को लेकर बीजेपी पर जमकर हमला किया। टीएमसी प्रमुख ने कहा कि बीजेपी के लोग बार-बार 'जय श्री राम' का इस्तेमाल कर धर्म की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम कुरान, वेद, पुराण सब पर भरोसा करते हैं लेकिन बीजेपी इसी को आधार बनाकर नफरत फैलाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि बंगाल सरकार बीजेपी के कहने पर नहीं बल्कि संविधान के आधार पर चलती है। ममता ने बीजेपी पर फेक न्यूज फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग बंगाल के संबंध में सिर्फ फर्जी खबरें फैलाते हैं। जनता को इस भ्रम से बचाने के लिए टीएमसी अब डोर टू डोर कैंपेन चलाएगी।
विपक्षी दल लगातार कर रहे हैं बैलेट की मांग
तमात विपक्षी दल समय समय पर EVM का विरोध करते रहे हैं। आम चुनावों से पहले भी इसकी मांग लेकर सियासी दलों ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था। इन दलों का कहना है कि (ईवीएम) के साथ छेड़छाड़ संभव है इसलिए चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए बैलेट पैपरों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
Updated on:
04 Jun 2019 11:16 am
Published on:
03 Jun 2019 06:58 pm
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