पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने मीडिया को बताया है कि कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई ने अपने विचार से पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को अवगत करा दिया है। इस मुद्दे पर अंतिम फैसला अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) को करना है। माना जा रहा है कि एआईसीसी प्रदेश इकाई के स्टैंड पर आगे बढ़ने को लेकर अपनी सहमति दे सकती है। ऐसा इसलिए कि मिलकर चुनाव लड़ने के मुद्दे पर पार्टी के निर्वाचित प्रतिनिधि पार्टी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस पहले ही ज्वाइन कर चुके हैं। पार्टी के नेताओं के इस रुख से कांग्रेस को पहले ही झटका लग चुका है।
बंगाल इकाई का मानना है कि माकपा या तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन पार्टी के लिए दीर्घकालिक हित में नहीं होगा। ऐसा करने से पार्टी का अस्तित्व भी खतरे में पड़ सकता है। हालांकि कांग्रेस ने क्षेत्रीय पार्टियों जेडीएस और समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में लाभ भी मिला। इस बारे में पार्टी के नेता चंदन मित्रा ने कहा पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ अपनी बैठक के दौरान मैंने स्पष्ट रूप से उनसे कहा कि अच्छा होगा अगर हम अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ें। संभव है हम कई सीटें नहीं जीत सकें लेकिन भविष्य में हमारी पार्टी का बंगाल में अस्तित्व बना रहेगा।