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प्रशांत किशोर का बड़ा बयान – ‘खुद तो डूबेगी ही, मुझे भी डुबो देगी कांग्रेस’

locationनई दिल्लीPublished: Jun 01, 2022 08:29:18 am

Submitted by:

Archana Keshri

प्रशांत किशोर ने कहा कि साल 2011 से 2021 तक मैं 11 चुनावों से जुड़ा रहा और केवल एक चुनाव हार गया जो यूपी में कांग्रेस के साथ था। तब से मैंने फैसला किया है कि मैं कांग्रेस के साथ काम नहीं करूंगा क्योंकि उन्होंने मेरा ट्रैक रिकॉर्ड खराब कर दिया है।

प्रशांत किशोर बड़ा बयान - 'खुद तो डूबेगी ही, मुझे भी डुबो देगी कांग्रेस'

प्रशांत किशोर बड़ा बयान – ‘खुद तो डूबेगी ही, मुझे भी डुबो देगी कांग्रेस’

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार से जन सुराज यात्रा की शुरुआत कर दी है। बिहार के वैशाली जिले में अपनी ‘जन सुराज यात्रा’ के दौरान चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मंगलवार को कांग्रेस जॉइन न करने की एक और वजह बताई। यहां, उन्होंने कहा, 2011-2021 तक मैं 11 चुनावों से जुड़ा रहा, केवल एक चुनाव हार गया जो उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के साथ था। तब से मैंने फैसला किया कि मैं उनके (कांग्रेस) साथ काम नहीं नहीं करुंगा क्योंकि उन्होंने मेरा ट्रैक रिकॉर्ड खराब कर दिया है।
कांग्रेस के साथ काम करने के सवाल पर उन्होंने सीधे हाथ जोड़ दिए। उन्होंने कहा, “मैं हाथ जोड़ता हूं लेकिन कभी इस पार्टी के साथ काम नहीं करूंगा। यह ऐसी पार्टी है जो खुद तो सुधरती नहीं है, मुझे भी डुबा देगी।”
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उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के लिए बहुत सम्मान है, लेकिन उसकी वर्तमान व्यवस्था ऐसी है कि खुद तो डूबेगी ही हमको भी डुबा देगी। भारतीय जनता पार्टी से लेकर कांग्रेस और कई क्षेत्रीय दलों तक, विभिन्न विचारधाराओं के राजनीतिक दलों के साथ काम कर चुके चुनाव रणनीतिकार ने 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को विजयी बनाने में एक अहम भूमिका निभाने के बाद पेशेवर चुनाव सलाहकार के तौर पर काम बंद करने की घोषणा की थी।
बता दें, प्रशांत किशोर ने मंगलवार को जन सुराज यात्रा की शुरुआत पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह के पैतृक निवास से की। प्रशांत किशोर वैशाली के महनार में रघुवंश प्रसाद सिंह के घर गये और उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की, तथा उनके परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। तो वहीं वैशाली में उन्होंने लोगों के साथ बतौर रणनीतिकार विभिन्न दलों के साथ किए गए कार्यों के बारे में बताया। प्रशांत किशोर ने लोगों से बातचीत में कहा कि उन्हें ये काम करते हुए 10 साल हो गए हैं।

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अपने सफर के बारे में लोगों को बताते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, “बिहार में 2015 में महागठबंधन की सरकार बनी, 2017 में पंजाब का चुनाव जीते, 2019 में जगनमोहन रेड्डी के साथ जुड़े और आंध्र में चुनाव जीते। 2020 में केजरीवाल के साथ दिल्ली और 2021 में तमिलनाडु एवं बंगाल जीते, लेकिन 2017 में यूपी का चुनाव नहीं जीत सके। हालांकि लेकिन सीखने को मिला, हारने से भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है।”
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर बिहार में सुराज यात्रा के तहत अलग-अलग हिस्सों में जाकर यात्रा कर रहे हैं। फिलहाल वह 4 दिनों के दौरे पर वैशाली पहुंचे हैं। सोमवार को उनके दौरे का पहला दिन था। अगले 3 दिन दिन वह अन्य प्रखंडों और गांवों में जाकर लोगों से मुलाकात करेंगे।

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