जिले में जहां इस वर्ष 17 में से 8 बांध खाली हैं वहीं पिछले वर्ष इस समय तक 15 बांध लबालब थे। वहीं केवल दो बांध कुछ खाली थे। इनमें भी बागदरी बांध में कुल भराव क्षमता 3.80 मीटर पानी के मुकाबले 3.30 मीटर पानी था, वहीं वोरी वानगढ़ी बांध में भराव क्षमता 11 मीटर के मुकाबले 9.70 मीटर पानी भरा हुआ था। सितम्बर माह के अंत में ये दोनों बांध भी पूरे भर गए थे। ऐसे में गत वर्ष जिले के सभी 17 बांध लबालब थे।
गत वर्ष से बारिश भी हुई कम
जिले में भले ही वार्षिक औसत बारिश 888 एमएम के मुकाबले 870 एमएम बारिश हो चुकी है लेकिन गत वर्ष के मुकाबले काफी कम बारिश हुई है। जिले में गत वर्ष अब तक 1001 एम एम बारिश हो चुकी थी। यानि औसत बारिश 888 एमएम के मुकाबले 113 एमएम बारिश ज्यादा हुई थी, वहीं इस वर्ष के मुकाबले 131 एमएम ज्यादा बारिश हुई थी।
जाखम भी नहीं छलका
जिले में पेयजल का सबसे बड़ा स्त्रोत जाखम बांध भी अब तक पूरा नहीं भर पाया है। जाखम बांध में एक जून 2018 को 18 मीटर पानी भरा हुआ था जबकि वर्तमान में भी यह 29.40 मीटर ही भरा है। यानि इस वर्ष हुई बारिश में जाखम बांध में महज 10.60 मीटर पानी ही आया है। जबकि पिछले वर्ष अगस्त माह में ही जाखम बांध लबालब होकर यहां चादर चलने लगी थी।
बारिश का इंतजार
जिले में जहां अब भी बांधों के पूर्ण भराव के लिए पानी की दरकार है वहीं किसानों को खेती के लिए पानी चाहिए। ऐसे में सभी को बारिश का इंतजार है। हालांकि मानसून 30 सितम्बर तक मानसून का मौसम माना जाता है। ऐसे में सभी अभी और बारिश होने की उम्मीद जता रहे है लेकिन जिले में पिछले कुछ दिनों से मानसून रुठा हुआ है। जिससे कुछ निराशा का सामना करना पड़ रहा है।
गत वर्ष से बारिश भी हुई कम
जिले में भले ही वार्षिक औसत बारिश 888 एमएम के मुकाबले 870 एमएम बारिश हो चुकी है लेकिन गत वर्ष के मुकाबले काफी कम बारिश हुई है। जिले में गत वर्ष अब तक 1001 एम एम बारिश हो चुकी थी। यानि औसत बारिश 888 एमएम के मुकाबले 113 एमएम बारिश ज्यादा हुई थी, वहीं इस वर्ष के मुकाबले 131 एमएम ज्यादा बारिश हुई थी।
जाखम भी नहीं छलका
जिले में पेयजल का सबसे बड़ा स्त्रोत जाखम बांध भी अब तक पूरा नहीं भर पाया है। जाखम बांध में एक जून 2018 को 18 मीटर पानी भरा हुआ था जबकि वर्तमान में भी यह 29.40 मीटर ही भरा है। यानि इस वर्ष हुई बारिश में जाखम बांध में महज 10.60 मीटर पानी ही आया है। जबकि पिछले वर्ष अगस्त माह में ही जाखम बांध लबालब होकर यहां चादर चलने लगी थी।
बारिश का इंतजार
जिले में जहां अब भी बांधों के पूर्ण भराव के लिए पानी की दरकार है वहीं किसानों को खेती के लिए पानी चाहिए। ऐसे में सभी को बारिश का इंतजार है। हालांकि मानसून 30 सितम्बर तक मानसून का मौसम माना जाता है। ऐसे में सभी अभी और बारिश होने की उम्मीद जता रहे है लेकिन जिले में पिछले कुछ दिनों से मानसून रुठा हुआ है। जिससे कुछ निराशा का सामना करना पड़ रहा है।
प्रतापगढ़ जिले में बांधों की स्थिति
बांध भराव क्षमता गत वर्ष की स्थिति एक जून को स्थिति वर्तमान स्थिति
हमजाखेड़ी 7 मीटर 7.00 7.00
गादोला 5.49 मीटर 5.49 5.10 मीटर
बोरिया 9.20 मीटर 9.20 9.25 मीटर
मचलाना 10 मीटर 10.00 2.00 5.00 मीटर
बजरंगगढ़ 4.60 मीटर 4.60 4.60 मीटर
बरडिया 6.70 मीटर 6.70 6.70 मीटर
चाचाखेड़ी 4 मीटर 4.00 –
बसेड़ा लोवर 3.66 मीटर 3.66 3.65 मीटर
बागदरी 3.80 मीटर 3.30 1.50
भंवरसेमला 14.70 मीटर 14.70 3.20 14.70 मीटर
जाखम 31 मीटर 31.00 18.00 29.40 मीटर
गागरी 7.92 मीटर 7.92 6.60 मीटर
वाजना 10 मीटर 10.00 10.00 मीटर
मेल 10.50 मीटर 10.50 10.50 मीटर
वोरी वानगढ़ी 11 मीटर 9.70 11.00 मीटर
बख्तोड़ 9.60 मीटर 9.60 8.60 मीटर
काली घाटी 7.75 मीटर 7.75 5.80 मीटर
बांध भराव क्षमता गत वर्ष की स्थिति एक जून को स्थिति वर्तमान स्थिति
हमजाखेड़ी 7 मीटर 7.00 7.00
गादोला 5.49 मीटर 5.49 5.10 मीटर
बोरिया 9.20 मीटर 9.20 9.25 मीटर
मचलाना 10 मीटर 10.00 2.00 5.00 मीटर
बजरंगगढ़ 4.60 मीटर 4.60 4.60 मीटर
बरडिया 6.70 मीटर 6.70 6.70 मीटर
चाचाखेड़ी 4 मीटर 4.00 –
बसेड़ा लोवर 3.66 मीटर 3.66 3.65 मीटर
बागदरी 3.80 मीटर 3.30 1.50
भंवरसेमला 14.70 मीटर 14.70 3.20 14.70 मीटर
जाखम 31 मीटर 31.00 18.00 29.40 मीटर
गागरी 7.92 मीटर 7.92 6.60 मीटर
वाजना 10 मीटर 10.00 10.00 मीटर
मेल 10.50 मीटर 10.50 10.50 मीटर
वोरी वानगढ़ी 11 मीटर 9.70 11.00 मीटर
बख्तोड़ 9.60 मीटर 9.60 8.60 मीटर
काली घाटी 7.75 मीटर 7.75 5.80 मीटर