तीसरी आंख पर रोड कटिंग का मोतियाबिंद
प्रतापगढ़Published: Oct 11, 2018 11:13:06 am
-एनएच प्राधिकरण की ओर से लम्बे समय से नहीं मिल पा रही रोड कटिंग की स्वीकृति
तीसरी आंख पर रोड कटिंग का मोतियाबिंद
-प्रथम चरण में लगाए गए 59 कैमरे
-452 कैमरे लगने हैं कुल
प्रतापगढ़. शहर में सीसी टीवी कैमरों से चप्पे-चप्पे पर पुलिस की निगाह में अभी कुछ और समय लग सकता है। अभय कमांड कार्यक्रम के तहत शहर में 172 चिन्हित स्थानों पर 426 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं। जिसमें से 129 पोल लगाए जाकर प्रथम चरण में इन पर महज 59 कैमरे लगाए गए हैं, लेकिन बाकी कैमरे लगाने और लगाए गए सभी कैमरों को चालू करने के लिए जमीन के अंदर केबल डाली जानी है, जिसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की और से रोड कटिंग की स्वीकृति नहीं मिल पा रही। ऐेसे में काम अटका हुआ है।
अब आई विभाग मांगेगा स्वीकृति
प्रतापगढ़ में अभय कमांड योजना का कार्य फरवरी 2018 से शुरू हुआ था। कार्य कर रही फर्म ने एनएच से रोड कटिंग की स्वीकृति मांगी थी लेकिन अब तक स्वीकृति नहीं मिलने से कार्य अटका हुआ है। ऐसे में अब आईटी मुख्यालय से जिला आईटी विभाग को एन एच प्राधिकरण को पत्र लिखकर रोड कटिंग की स्वीकृति मांगने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
अभय कमांड रुम तैयार
शहर की निगरानी के लिए जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आधुनिक पुलिस कंट्रोल रूम तैयार किया गया है। इस कंट्रोल रूम में बैठकर पूरे शहर की हर हरकत पर निगाह रखी जा सकेगी। इसमें आधुनिक तकनीक के संसाधनों को इंस्टॉल किया गया है। कंट्रोल रूम के लिए अलग स्टॉफ होगा। इसमें एक हॉल में बड़ी-बड़ी एलइडी स्क्रीन से विभिन्न स्थानों पर लगाए जाने वाले सीसीटीवी कैमरे ऑनलाइन रहेंगे। शहर में किसी भी कोने में किसी अपराधी की हरकत, बाइक चोरी, चेन स्नेचिंग, दुर्घटना सहित अन्य वारदातों की सूचना मिलते ही संबंधित घटनास्थल के नजदीकी सीसीटीवी कैमरे से लाइव तस्वीरें कंट्रोल रूम पर देखी जा सकेगी। कुछ कैमरे इतने अत्याधुनिक होंगे जिनसे बाइक या अन्य किसी भी वाहन की नंबर प्लेट को स्कैन किया जा सकेगा।
यह मिलेगी सुविधा
योजना के तहत हाई रेजोलेशन व नाइट वीजन कैमरे लगाए जा रहे हैं। कैमरा 300 मीटर की दूरी पर नजर रख सकेगा। इससे लोकेशन की लाइव तस्वीरे भी मिलेगी और शहर के चप्पे-चप्पे पर विभिन्न गतिविधियो पर नजर रखी जा सकेगी। कहीं पर भी वारदात होने की स्थिति में बदमाशों का हुलिया जानने के लिए पुलिस को यहां वहां कमजोर सीसीटीवी कैमरों के फुटेज नहीं खोजने पड़ेंगे। अब तत्काल सीसीटीवी पर विडियो और तस्वीरें दोनो पुलिस को मिल सकेगी। कंट्रोल रूम में इन सीसीटीवी कैमरों का विडियो रिकार्ड भी लंबे समय तक स्टोर रह सकेगा। कंट्रोल रूम में ही बैठकर नियंत्रक अधिकारी संबंधित प्वाइंट के आसपास तैनात पुलिसकर्मी को निर्देश देकर व्यवस्था सुधार भी करवा सकेंगे।