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विकास कार्यो को लगे पंख तो बढ़े सुविधा

locationप्रतापगढ़Published: Jan 02, 2019 02:07:54 pm

Submitted by:

Ram Sharma

स्वागत 2019-नए साल में कई विकास कार्य पूरे होने की दरकार

pratapgarh

विकास कार्यो को लगे पंख तो बढ़े सुविधा


प्रतापगढ़.
वर्ष 2018 विदा हो गया है और वर्ष २०१९ शुरू हो गया है। प्रतापगढ़ जिले में बीते वर्षो में कई विकास कार्य हुए जिनसे लोगों को सुविधा मिली लेकिन कई विकास अभी होना बाकी है जिनकी खासी दरकार है और ये पूरा होने पर लोगों को काफी सुविधा मिलेगी। उम्मीद है कि नए वर्ष और आने वाले वर्षो में कई नए विकास कार्यो को पंख लगेंगे और लोगों की सुविधाएं बढ़ेगी। पेश है एक रिपोर्ट
1. मिले रेल लाइन
रेल लाइन से अछूते जिले प्रतापगढ़ को अब तक रेल नहीं मिल पाई है। जिले को रेल लाइन से जोडऩे को लेकर बाते खूब होती है, सर्वे की घोषणा भी हुई थी लेकिन अभी तक इस पर कार्य शुरू नहीं हो सका है। आने वाले समय में यदि जिला रेल मार्ग पर आता है तो यातायात की दृष्टि से देश की मुख्यधारा से जुड़ सकेगा। यहां व्यापार की प्रचुर संभावनाओं को तलाशा भी जा सकेगा और जिले के विकास को पंख भी लग सकेंगे।
2. जल्द बने बाईपास
प्रतापगढ़ शहर को जल्द ही बहुप्रतिक्षित बाईपास की सौगात भी अब तक नहीं मिल पाई है। अब कहीं जाकर सरकार की ओर से इसके लिए भूमि अवाप्ति सहित अन्य प्रक्रियाएं की गई हंै। ऐसे में उम्मीद की जा रही है की सभी प्रक्रियाएं जल्द पूरी होकर बाईपास निर्माण का कार्य शुरू होकर जल्द पूरा होगा और शहरवासियों को बाईपास की सौगात मिल सकेगी। शहर को भारी वाहनों से निजात दिलाने के लिए करीब ११ किलोमीटर लम्बे बाईपास का निर्माण किया जाएगा।
3. थेवा कला को मिले संरक्षण
प्रतापगढ़ जिला थेवा कला के लिए भी जाना चाहता है। देश व दुनिया में थेवा कला की अपनी अलग पहचान है। लेकिन इसके व्यावसायिक स्तर पर बढ़ावे के लिए आज तक कोई बड़ी योजना सरकार की ओर से नहीं बनाई गई है। अगर थेवा कला को राज्य व केन्द्र सरकार की ओर से प्रोत्साहन मिलता है तो यह जिले के विकास में काफी मददगार साबित हो सकता है।
4. कन्या महाविद्यालय खुले
जिले में प्रथम कन्या महाविद्यालय की मांग साल पुरजोर रही है। जनप्रतिनिधि आश्वासन जरुर देते हैं लेकिन कन्या महाविद्यालय की स्वीकृति नहीं मिल रही है। कन्या कॉलेज नहीं होने के कारण छात्राएं आगे की पढ़ाई जारी नहीं रख पाती हैं। आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार की लड़कियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
5. उद्योग धंधों की हो स्थापना
जिला उद्योग धंधों के क्षेत्र में काफी पिछड़ा हुआ है। जबकि जिले में श्रमिक शक्ति पर्याप्त मात्रा में है। लेकिन यहां उद्योग नहीं होने से बड़ी संख्या में श्रमिकों को मजदूरी के लिए पलायन करना पड़ता है। उद्योग धंधे स्थापित होने से लोगों को रोजगार मिल सकेगा। साथ ही जिले की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ हो सकेगी।
6. हवाई पट्टी की मिले सुविधा
लंबे समय से अधर में अटकी हवाई पट्टी की योजना भी अब तक पूरी नहीं हो पाई है। राज्य सरक ार की ओर से प्रतापगढ़ में हवाई पट्टी निर्माण की घोषणा के बाद से सभी को इसके पूरे होने का इंतजार है।
7. सीतामाता बने नेशनल पार्क
प्रदेश की प्रमुख थाती के साथ ही जैव विविधताओं को अपने आगोश में समेटे समृद्धशाली एवं प्रदेश में अपनी एक अलग ही पहचान रखने वाले जिले के सीतामाता वन्यजीव अभयारण्य को पर्यटन के नक्शे पर मुख्य रूप से लाने के लिए इको टूरिज्म की दरकार है। इस दिशा में ठोस योजना बनाकर कार्य किए जाने की आवश्यकता है। लम्बे समय से इसे नेशनल पार्क घोषित करने की मांग की जा रही है।
8. सडक़ों की सुधरे हालत
शहरों सहित जिले के विभिन्न मार्गो की सडक़ों की हालत काफी खराब है। ऐसे में लोगों को आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लम्बे समय बाद एनएच ११३ पर सडक़ बनी जिससे थोड़ी राहत मिली, मंदसौर सडक़ की भी लम्बे समय बाद सुध ली गई लेकिन अब भी अन्य सडक़ों के आमूलचूल सुधार की आवश्यकता बनी हुई है।
9. बिजली अनियमितता समस्या सुधरे
जिले में यूं तो बिजली विभाग की ओर से कई योजनाएं शुरू की गई और कई नवाचारों के माध्यम से लोगों को बेहतर बिजली सुविधा देने का प्रयास किया गया लेकिन शहर सहित जिले के विभिन्न स्थानों पर अनियमित बिजली, ट्रांसफॉर्मरों की कमी, किसानों की दिन में बिजली देने की मांग, झूलते तारों से करंट के खतरा, खुले ट्रांसफॉमरों की समस्या आदि बनी रही जिनका निदान नहीं हो पाया।
10. अधिकारियों-कर्मचारियों की कमी हो पूरी
जिला बनने के बाद से प्रतापगढ़ का कमोबेश हर सरकारी विभाग अधिकारियों-कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। जिसके चलते जहां सरकारी कामकाज प्रभावित हो रहे हैं वहीं आमजन के काम होने में देरी होती है और उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है। चिकित्सा, बिजली, पानी जैसे विभागों तक में स्टाफ की काफी कमी है। जिससे जिले की हालत उपखंड से भी बदतर लगती है। जिसका खामियाजा कहीं ना कहीं आमजन को उठाना पड़ता है।
11. उच्च शिक्षा केन्द्रों की कमी हो दूर
प्रतापगढ़ जिला भले ही बन गया है लेकिन यहां अब तक उच्च शिक्षा का कोई बड़ा केन्द्र नहीं है। यहां ना तो कोई मेडिकल कॉलेज है और ना ही इंजिनियंरिंग कॉलेज या अन्य कोई बड़ा संस्थान ही है। ऐसे में यहां के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए अन्यत्र जाना पड़ता है।
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