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कांठल में बढ़ रहा मत्स्य उत्पादन

locationप्रतापगढ़Published: Nov 11, 2018 11:00:21 am

Submitted by:

Rakesh Verma

जिले के जलाशयों में हर वर्ष बढ़ रहा आंकड़ा

pratapgarh

कांठल में बढ़ रहा मत्स्य उत्पादन

प्रतापगढ़ कांठल में पिछले वर्षों से जलाशयों में पानी की आवक अच्दी होने लगी है।इसके साथ ही मत्स्य उत्पादन भी बढ़ रहा है। ऐसे में विभाग को राजस्व भी बढ़ रहा है। जिले में तीन वर्षपहले मत्स्य उत्पादन साढ़े छह सौ एमटी का उत्पादन हुआ था। वहीं गत वर्षयह बढकऱ 11 हजार एमटी तक पहुंच गया है। इसके साथ ही आय भी बढ़ोतरी हुई है। तीन वर्षपहले 16 लाख 47 हजार रुपए की आय हुई थी। जो गत वर्षबढकऱ 25 लाख 43 हजार रुपए हो गई है। वहीं इस वर्ष इसकी आय में 10 प्रतिशत तक आय बढऩे की संभावना है।
32 जलाशयों के हुए ठेके
गत वर्ष विभाग को मत्स्यपालन के ठेकों से 19 लाख रुपए की आय हुई थी। वहीं इस वर्ष 32 जलाशयों के ठेके हुए है। इनसे विभाग को 25 लाख 43 हजार 263 रुपए की आय हुई थी।विभाग को गत वर्ष एक हजार 99 एमटी का उत्पादन हुआ था। इस वर्षयह आंकड़ा 12 सौ एमटी का लक्ष्य रखा गया है।
यह होते है ठेके
जलाशयों को चार श्रेणियों में बांटा गया है। इसमें क, ख, ग और घ श्रेणी शामिल है। ग और घ श्रेणी के जलाशयों के ठेके पंचायत समिति के माध्यम से होते है। जबकि क श्रेणी के ठेके जिला परिषद के माध्यम से होते है।मत्स्यपालक उदयलाल दमामी ने बताया कि बरडिय़ा, फूटिया तालाब, डाबड़ा, बजरंगगढ़ के ठेके पंचायत समिति की ओर से किए जा रहे है।
सात जलाशय जनजाति विभाग के अधीन
जिले में सात जलाशयों को जनजाति विभाग के अधीन है।समेकित मत्स्य परियोजना के तहत जनजाति क्षेत्र के लोगों की आय को बढ़ाने के लिए वर्ष 2015-16 में सात जलाशयों को जनजाति विभाग को दिए गए थे। इसमें पाड़लिया बांध, भंवरसेमला, छोटीसादड़ी, धमोतर, तलाया बांध, देवला बांध, बख्तोड़ बांध शामिल है। इनमें सौ लोगों को मत्स्य पालन के साथ रोजगार दिया जा रहा है।
जिले में जलाशयों की स्थिति
श्रेणी जलाशय ठेके पर
ख 5 5
ग 37 20
घ 23 07
कुल 65 32

इस वर्षभी बढ़ाया हैलक्ष्य
प्रतापगढ़ जिले में मत्स्यपालन को लेकर लोगों में जागरुकता आने लगी है। इससे कई लोगों को रोजगार मिल रहा है। वहीं विभाग को भी राजस्व बढ़ रहा है। आगामी वर्षों में भी उत्पादन बढ़ेगा और राजस्व भी बढ़ेगा।इसके लिए हम प्रयास कर रहे है। इस वर्ष भी हमने लक्ष्य बढ़ाया है।
लायक अली
मत्स्य विकास अधिकारी, प्रतापगढ़
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