खुलकर बोले लोग, आवारा श्वानों की समस्या से निजात
प्रतापगढ़.शहर और गांवों में आवारा घूमने वाले श्वान लोगों के लिए परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं। कमोबेश हर गली-मौहल्लों और मुख्य सडक़ों पर ये बड़े-बड़े झुंडों में घूमते रहते हैं। इनसे सबसे ज्यादा परेशान छोटे बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग हैं। श्वान कभी इनके पीछे दौड़ते हैं तो कभी इन्हें काट भी लेते हैं। राहगीरों और दुपहिया वाहन चालकों के लिए भी यह खासी मुसीबत का सबब बने हुए हैं। ये कभी भी भौंकते हुए पीछे दौडऩे लग जाते हैं। इनके डर से हर समय दुर्घटनाओं का भय बना रहता है। श्वानों के आतंक से परेशान लोगों ने इनसे जल्द से जल्द निजात दिलाने की मांग की है।
काट लिया था बेटे को
शहर के प्रगति नगर में रहने वाले देवीलाल लबाना ने बताया कि कुछ समय पूर्व उनके पुत्र सार्थक को भी आवारा श्वानों ने काट लिया था। उनका पुत्र एक धार्मिक आयोजन से प्रसाद की थेली लेकर घर वापस आ रहा था। हाथ में थैली देखकर श्वान उस पर झपटे। वह दौड़ा तो श्वान भी उसके पीछे दौड़े और उसे गिराकर उसे तीन-चार जगह पर काट लिया और थैली लेकर भाग गए। पता चलने पर उसे जिला चिकित्सालय लेकर गए जहां उनके पुत्र को दर्दभरे उपचार से गुजरना पड़ा। उन्होंने शहर में आवारा श्वानों की समस्या से जल्द से जल्द निजात दिलाने की मांग की है।
देवीलाल लबाना, पीडि़त के पिता
प्रतापगढ़.शहर और गांवों में आवारा घूमने वाले श्वान लोगों के लिए परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं। कमोबेश हर गली-मौहल्लों और मुख्य सडक़ों पर ये बड़े-बड़े झुंडों में घूमते रहते हैं। इनसे सबसे ज्यादा परेशान छोटे बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग हैं। श्वान कभी इनके पीछे दौड़ते हैं तो कभी इन्हें काट भी लेते हैं। राहगीरों और दुपहिया वाहन चालकों के लिए भी यह खासी मुसीबत का सबब बने हुए हैं। ये कभी भी भौंकते हुए पीछे दौडऩे लग जाते हैं। इनके डर से हर समय दुर्घटनाओं का भय बना रहता है। श्वानों के आतंक से परेशान लोगों ने इनसे जल्द से जल्द निजात दिलाने की मांग की है।
काट लिया था बेटे को
शहर के प्रगति नगर में रहने वाले देवीलाल लबाना ने बताया कि कुछ समय पूर्व उनके पुत्र सार्थक को भी आवारा श्वानों ने काट लिया था। उनका पुत्र एक धार्मिक आयोजन से प्रसाद की थेली लेकर घर वापस आ रहा था। हाथ में थैली देखकर श्वान उस पर झपटे। वह दौड़ा तो श्वान भी उसके पीछे दौड़े और उसे गिराकर उसे तीन-चार जगह पर काट लिया और थैली लेकर भाग गए। पता चलने पर उसे जिला चिकित्सालय लेकर गए जहां उनके पुत्र को दर्दभरे उपचार से गुजरना पड़ा। उन्होंने शहर में आवारा श्वानों की समस्या से जल्द से जल्द निजात दिलाने की मांग की है।
देवीलाल लबाना, पीडि़त के पिता
बढ़ रहे हैं श्वान
शहर में श्वान लगातार बढ़ रहे हैं। हर गली-मौहल्ले में इनके झुंड के झुंड नजर आते हैं। इससे बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। हर समय इनके काटने का डर बना रहता है।
सुरेश सिंह, निवासी, तिलक नगर, प्रतापगढ़
शहर में श्वान लगातार बढ़ रहे हैं। हर गली-मौहल्ले में इनके झुंड के झुंड नजर आते हैं। इससे बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। हर समय इनके काटने का डर बना रहता है।
सुरेश सिंह, निवासी, तिलक नगर, प्रतापगढ़
दुर्घटनाओं का भी कारण
श्वानों की समस्या बढ़ती जा रही है। सडक़ों और गलियों में बड़ी संख्या में आवारा घूमते दिखाई देते हैं। कईबार ये राहगीरों और वाहन चालकों पर भौंकते हुए उनके पीछे दौडऩे लग जाता है। इससे दुर्घटनाओं की आशंका भी रहती है।
धमेन्द्र पालीवाल, निवासी, कृषि मंडी रोड, प्रतापगढ़
श्वानों की समस्या बढ़ती जा रही है। सडक़ों और गलियों में बड़ी संख्या में आवारा घूमते दिखाई देते हैं। कईबार ये राहगीरों और वाहन चालकों पर भौंकते हुए उनके पीछे दौडऩे लग जाता है। इससे दुर्घटनाओं की आशंका भी रहती है।
धमेन्द्र पालीवाल, निवासी, कृषि मंडी रोड, प्रतापगढ़
राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी विचरण
शहर के गली-मौहल्लों के साथ ये राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी स्वच्छंद विचरण करते हैं। यहां हर समय बड़ी संख्या में छोटे-बड़े वाहनों का आवागमन होता रहता है। ये किसी के भी पीछे दौडऩे लगते हैं। ऐसे में दुर्घटनाओं का डर रहता है।
संजय राठौर, निवासी, कुलमीपुरा गांव
शहर के गली-मौहल्लों के साथ ये राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी स्वच्छंद विचरण करते हैं। यहां हर समय बड़ी संख्या में छोटे-बड़े वाहनों का आवागमन होता रहता है। ये किसी के भी पीछे दौडऩे लगते हैं। ऐसे में दुर्घटनाओं का डर रहता है।
संजय राठौर, निवासी, कुलमीपुरा गांव
बच्चों-बुजुर्गो व महिलाओं को ज्यादा परेशानी
आवारा श्वानों के झुंडों से बच्चों-बुजुर्गो व महिलाओं को ज्यादा परेशानी है। ये उनके हाथ में कुछ सामान देखकर पीछे दौडऩे लगते हैं। कई बार काट भी लेते हैं तो कई बार गिरने से चोट लग जाती है। इनकी रोकथाम होनी ही चाहिए।
मनीष तंबोली, दुकानदार, बस स्टैंड, प्रतापगढ़
आवारा श्वानों के झुंडों से बच्चों-बुजुर्गो व महिलाओं को ज्यादा परेशानी है। ये उनके हाथ में कुछ सामान देखकर पीछे दौडऩे लगते हैं। कई बार काट भी लेते हैं तो कई बार गिरने से चोट लग जाती है। इनकी रोकथाम होनी ही चाहिए।
मनीष तंबोली, दुकानदार, बस स्टैंड, प्रतापगढ़
पहले से काफी ज्यादा
आवारा श्वानों की तादात पहले से काफी ज्यादा हो गई है। इनके लोगों के पीछे दौडऩे और काट लेने की घटनाएं आए दिन सुनने में आती रहती है। इन पर रोकथाम लगनी ही चाहिए। ताकि लोगों को राहत मिल सके।
रोहित सिंघानी, दुकानदार, हाईस्कूल रोड, प्रतापगढ़
आवारा श्वानों की तादात पहले से काफी ज्यादा हो गई है। इनके लोगों के पीछे दौडऩे और काट लेने की घटनाएं आए दिन सुनने में आती रहती है। इन पर रोकथाम लगनी ही चाहिए। ताकि लोगों को राहत मिल सके।
रोहित सिंघानी, दुकानदार, हाईस्कूल रोड, प्रतापगढ़