क्षमता से अधिक प्रवेश
नागदी छात्रावास में क्षमता से अधिक छात्रों को प्रवेश दिया गया है। जबकि यहां महज 50 छात्रों के लिए ही पलंग उपलब्ध है। शेष छात्रों को जमीन पर ही रात गुजारनी पड़ती है। खिडक़ी दरवाजों के अभाव में मच्छरों की भरमार रहती है। ऐसे ही बारावरदां, रठांजना, घंटाली, पाल धरियावद उपखण्ड के दूरस्थ इलाकों में स्थित छात्रावासों की स्थिति काफी खराब है।
शिक्षक ही नहीं
जिला मुख्यालय स्थित जनजाति आवासीय छात्रावास, जिसमें तकरीबन 350 छात्र अध्ययनरत है। मूलभूत सुविधाओं से सुसज्जित होने के बावजूद छात्रों के लिए यहां पर्याप्त विषय अध्यापक नहीं है। आवासीय विद्यालय होने के बावजूद एक भी अध्यापक विद्यालय परिसर में नहीं रुकता। जबकि विभागीय नियमानुसार अध्यापकों की प्रतिनियुक्ति और अतिरिक्त भत्ता इसी बात के लिए देय होता है कि यहां रहकर बच्चों की समस्याओं को तुरंत समाधान किया जाए। यहां राजनीति विज्ञान, इतिहास और रसायन विज्ञान के अध्यापक नहीं है। टीमरवा स्थित बालिका आवासीय छात्रावास में भी रसायान विज्ञान के व्याख्याता का पद रिक्त है।
नागदी छात्रावास में क्षमता से अधिक छात्रों को प्रवेश दिया गया है। जबकि यहां महज 50 छात्रों के लिए ही पलंग उपलब्ध है। शेष छात्रों को जमीन पर ही रात गुजारनी पड़ती है। खिडक़ी दरवाजों के अभाव में मच्छरों की भरमार रहती है। ऐसे ही बारावरदां, रठांजना, घंटाली, पाल धरियावद उपखण्ड के दूरस्थ इलाकों में स्थित छात्रावासों की स्थिति काफी खराब है।
शिक्षक ही नहीं
जिला मुख्यालय स्थित जनजाति आवासीय छात्रावास, जिसमें तकरीबन 350 छात्र अध्ययनरत है। मूलभूत सुविधाओं से सुसज्जित होने के बावजूद छात्रों के लिए यहां पर्याप्त विषय अध्यापक नहीं है। आवासीय विद्यालय होने के बावजूद एक भी अध्यापक विद्यालय परिसर में नहीं रुकता। जबकि विभागीय नियमानुसार अध्यापकों की प्रतिनियुक्ति और अतिरिक्त भत्ता इसी बात के लिए देय होता है कि यहां रहकर बच्चों की समस्याओं को तुरंत समाधान किया जाए। यहां राजनीति विज्ञान, इतिहास और रसायन विज्ञान के अध्यापक नहीं है। टीमरवा स्थित बालिका आवासीय छात्रावास में भी रसायान विज्ञान के व्याख्याता का पद रिक्त है।
समस्याओं की सूची बनाई
जिले में छात्रावासों में समस्याओं की सूची बनवा ली गई है। जहां रिपेयरिंग का कार्य है वहां रिपेयरिंग और जहां पुन: निर्माण होगा। उन सभी के लिए बजट की मांग की गई है। नवीन सत्र प्रारम्भ होने से पूर्व छात्रावासों में सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया करवा दी जाएगी। वही इसी सत्र से आवासीय विद्यालयों में अध्यापकों को रोकने का प्रयास किया जा रहा है। जो आवास मामूली रूप से क्षतिग्रस्त है उन्हें रिपेयर करवाया जाएगा। जो जर्जर है उन्हें तुड़़वाकर नए क्वार्टर बनावाने का तखमीना भेज दिया है। अध्यापकों के रिक्त पदों के लिए भी आवेदन मांगे है। सत्रारम्भ से पहले शिक्षकों की पूर्ति कर दी जाएगी।
भैरूंलाल मीणा
उप जिला शिक्षा अधिकारी
जनजाति क्षेत्रिय विकास विभाग, प्रतापगढ़
जिले में छात्रावासों में समस्याओं की सूची बनवा ली गई है। जहां रिपेयरिंग का कार्य है वहां रिपेयरिंग और जहां पुन: निर्माण होगा। उन सभी के लिए बजट की मांग की गई है। नवीन सत्र प्रारम्भ होने से पूर्व छात्रावासों में सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया करवा दी जाएगी। वही इसी सत्र से आवासीय विद्यालयों में अध्यापकों को रोकने का प्रयास किया जा रहा है। जो आवास मामूली रूप से क्षतिग्रस्त है उन्हें रिपेयर करवाया जाएगा। जो जर्जर है उन्हें तुड़़वाकर नए क्वार्टर बनावाने का तखमीना भेज दिया है। अध्यापकों के रिक्त पदों के लिए भी आवेदन मांगे है। सत्रारम्भ से पहले शिक्षकों की पूर्ति कर दी जाएगी।
भैरूंलाल मीणा
उप जिला शिक्षा अधिकारी
जनजाति क्षेत्रिय विकास विभाग, प्रतापगढ़