इसमें बताया गया कि सोशल मीडिया में सूचनाओं का अनंत प्रवाह होता है। इसमें किसी का नियंत्रण भी नहीं होता। ऐसे में फर्जी खबरों के फैलने की आशंका ज्यादा होती है। गल्र्स कॉलेज की छात्राओं को बताया गया कि सूचना के तीन भाग होते हैं-तथ्य, राय और अफवाह। हमें हर सूचना में अफवाह को पहचान कर उसे अलग करना है। तथ्य को आगे बढ़ाना है। इसी प्रकार ये भी बताया गया कि सही सदंर्भ में कही गई सही बात ही समुचित सूचना है। यदि किसी सूचना को संदर्भ से काटकर पेश किया जाए तो उसका उसका उद्देश्य बदल जाता है। इसी प्रकार ये भी समझाया गया कि ऑन लाइन और ऑफ लाइन व्यवहार में क्या अंतर आता है। सोशल मीडिया पर ऑनलाइन व्यवहार करते समय व्यक्ति को ज्यादा जवाबदेह और संवेदनशील होना पड़ेगा।
अंत में छात्राओं को वोट देने की शपथ दिलाई गई। इसमें संकल्प दिलाया गया कि वे निर्भीक होकर वोट देंगी। बिना भेदभाव के वोट देंगी और वोट देने के लिए अपने परिजनों को भी प्रेरित करेंगी।
अंत में छात्राओं को वोट देने की शपथ दिलाई गई। इसमें संकल्प दिलाया गया कि वे निर्भीक होकर वोट देंगी। बिना भेदभाव के वोट देंगी और वोट देने के लिए अपने परिजनों को भी प्रेरित करेंगी।
समस्याएं अपार, उद्योग धंधों की दरकार
– जन एजेंडा बैठक में उठे प्रतापगढ़ के जन मुद्दे
प्रतापगढ़. राजस्थान पत्रिका की ओर से जन एजेंडा कार्यक्रम के तहत शनिवार को धरियावद रोड स्थित जेआर गल्र्स कॉलेज में जन समस्याओं पर चर्चा हुई। इस बैठक में लोगों ने कहा कि प्रतापगढ़ में बिजली, पानी और सफाई जैसी समस्याएं तो स्थायी है। लेकिन विकास के लिए सबसे जरूरी मुद्दा उद्योग धंधों की कमी है। जिले में एक भी औद्योगिक क्षेत्र नहीं है, जिससे रोजगार के साधन उत्पन्न हों। लोग जिले से बाहर पलायन कर रहे हैं।
जे आर गल्र्स कॉलेज के सभागार मं आयोजित इस बैठक में जिले की समस्याओं, विकास के मुद्दों तथा प्रशासन और राजनीतिक नेतृत्व की स्थिति पर चर्चा हुई। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि प्रतापगढ़ में समस्याओं की कमी नहीं है। कमी बस राजनीतिक इच्छा शक्ति की है। राजनीतिक नेतृत्व यदि गंभीर हो तो रोजमर्रा की समस्याओं से निजात पाकर विकास के कामों की ओर ध्यान दिया जा सकता है।
लोगों का कहना था कि शहर में आए दिन बिजली गुल रहती है। कोईदिन ऐसा नहीं, जिस दिन कटौती नहीं होती। इसकी पूर्व सूचना भी नहीं दी जाती। इसी प्रकार पानी का संकट है। दो दिन में एक बार जलापूर्ति होती है। उसका भी समय निश्चित नहीं है। इसके अलावा गंदगी की समस्या आम है। पिछले दिनों चले स्वच्छता सर्वे के दौरान तो इतनी सफाई हुई कि सफाईकर्मी गली की मिट्टी भी बुहार कर ले गए। लेकिन अब अभियान वापस ठंडा पड़ गया। गली मोहल्लों में गंदगी के ढेर लगने लग गए।
शहर में गंदे पानी के निकासी की व्यवस्था नहीं होने से सडक़ों पर गंदा पानी फैल जाता है। इसी प्रकार शहर में बाइपास नहीं होने का मुद्दा भी प्रमुखता से उठा। चर्चा में भाग लेते हुए कॉलेज के प्राचार्य डॉजीपी पाटीदार ने कहा कि बाइपास के निर्माण की बात कब से सुन रहे हैं, लेकिन ये आज तक पूरा नहीं हो पाया। भारी वाहन शहर के बीच से होकर गुजरते हैं, जिससे आए दिन टै्रफिक जाम होता है। हर वक्त हादसे की आशंका रहती है।
चर्चा के दौरान सबसे अहम मुद्दा शहर में उद्योगधंधों की कमी का उभर कर आया। चर्चा में सबने इस बात पर सहमति जताई कि यहां रोजगार के साधनों का भारी अभाव है। किसी भी सरकार ने अभी तक इस ओर समुचित ध्यान नहीं दिया। इसके चलते प्रतापगढ़ का विकास नहीं हो पा रहा। बैठक में अन्य मुद्दे जैसे धार्मिक स्थलेंा का विकास, यातायात के साधनों की कमी आदि पर उभर कर आई।
बैठक के प्रारंभ में पत्रिका के ब्यूरो प्रभारी राम शर्मा ने शुद्ध के युद्ध अभियान के तहत पीपीटी प्रजेंटेशन के माध्यम से फेक न्यूज पर प्रकाश डाला। कॉलेज के प्राचार्य डॉ जीपी पाटीदार ने स्वागत भाषण दिया। अंत में उप प्राचार्य शिव नारायण रैदास ने आभार ज्ञापित किया। अंत में वोट देने का संकल्प दिलाया गया।
– जन एजेंडा बैठक में उठे प्रतापगढ़ के जन मुद्दे
प्रतापगढ़. राजस्थान पत्रिका की ओर से जन एजेंडा कार्यक्रम के तहत शनिवार को धरियावद रोड स्थित जेआर गल्र्स कॉलेज में जन समस्याओं पर चर्चा हुई। इस बैठक में लोगों ने कहा कि प्रतापगढ़ में बिजली, पानी और सफाई जैसी समस्याएं तो स्थायी है। लेकिन विकास के लिए सबसे जरूरी मुद्दा उद्योग धंधों की कमी है। जिले में एक भी औद्योगिक क्षेत्र नहीं है, जिससे रोजगार के साधन उत्पन्न हों। लोग जिले से बाहर पलायन कर रहे हैं।
जे आर गल्र्स कॉलेज के सभागार मं आयोजित इस बैठक में जिले की समस्याओं, विकास के मुद्दों तथा प्रशासन और राजनीतिक नेतृत्व की स्थिति पर चर्चा हुई। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि प्रतापगढ़ में समस्याओं की कमी नहीं है। कमी बस राजनीतिक इच्छा शक्ति की है। राजनीतिक नेतृत्व यदि गंभीर हो तो रोजमर्रा की समस्याओं से निजात पाकर विकास के कामों की ओर ध्यान दिया जा सकता है।
लोगों का कहना था कि शहर में आए दिन बिजली गुल रहती है। कोईदिन ऐसा नहीं, जिस दिन कटौती नहीं होती। इसकी पूर्व सूचना भी नहीं दी जाती। इसी प्रकार पानी का संकट है। दो दिन में एक बार जलापूर्ति होती है। उसका भी समय निश्चित नहीं है। इसके अलावा गंदगी की समस्या आम है। पिछले दिनों चले स्वच्छता सर्वे के दौरान तो इतनी सफाई हुई कि सफाईकर्मी गली की मिट्टी भी बुहार कर ले गए। लेकिन अब अभियान वापस ठंडा पड़ गया। गली मोहल्लों में गंदगी के ढेर लगने लग गए।
शहर में गंदे पानी के निकासी की व्यवस्था नहीं होने से सडक़ों पर गंदा पानी फैल जाता है। इसी प्रकार शहर में बाइपास नहीं होने का मुद्दा भी प्रमुखता से उठा। चर्चा में भाग लेते हुए कॉलेज के प्राचार्य डॉजीपी पाटीदार ने कहा कि बाइपास के निर्माण की बात कब से सुन रहे हैं, लेकिन ये आज तक पूरा नहीं हो पाया। भारी वाहन शहर के बीच से होकर गुजरते हैं, जिससे आए दिन टै्रफिक जाम होता है। हर वक्त हादसे की आशंका रहती है।
चर्चा के दौरान सबसे अहम मुद्दा शहर में उद्योगधंधों की कमी का उभर कर आया। चर्चा में सबने इस बात पर सहमति जताई कि यहां रोजगार के साधनों का भारी अभाव है। किसी भी सरकार ने अभी तक इस ओर समुचित ध्यान नहीं दिया। इसके चलते प्रतापगढ़ का विकास नहीं हो पा रहा। बैठक में अन्य मुद्दे जैसे धार्मिक स्थलेंा का विकास, यातायात के साधनों की कमी आदि पर उभर कर आई।
बैठक के प्रारंभ में पत्रिका के ब्यूरो प्रभारी राम शर्मा ने शुद्ध के युद्ध अभियान के तहत पीपीटी प्रजेंटेशन के माध्यम से फेक न्यूज पर प्रकाश डाला। कॉलेज के प्राचार्य डॉ जीपी पाटीदार ने स्वागत भाषण दिया। अंत में उप प्राचार्य शिव नारायण रैदास ने आभार ज्ञापित किया। अंत में वोट देने का संकल्प दिलाया गया।