9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

प्रयागराज में मुस्लिम रीति रिवाज से दफनाया गया हिन्दू का शव, परिजनों की बात सुनकर सन्न रह गए अधिकारी, मचा बवाल

प्रयागराज के कोरांव में एक 92 वर्षीय हिंदू व्यक्ति का मुस्लिम रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किए जाने पर बवाल मच गया। व्यक्ति की अंतिम इच्छा के अनुसार परिजनों ने उन्हें दफनाया, जिससे प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया। घटना के बाद अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।

2 min read
Google source verification
फाइल फोटो

फाइल फोटो

प्रयागराज के कोरांव थाना क्षेत्र के तरांव व में शनिवार को 92 वर्षीय जनाथ उर्फ जेठू का निधन हो गया। जेठू जिन्होंने वर्षों पहले इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया था उनकी अंतिम इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार मुस्लिम रीति-रिवाज से किया जाए। परिजनों ने उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए रविवार सुबह उन्हें घर के सामने स्थित अपनी जमीन में दफना दिया।

यह भी पढ़ें: IRCTC का शानदार ऑफर: लखनऊ से फ्लाइट से लद्दाख का सफर, 6 रात-7 दिन का टूर पैकेज

जैसे ही यह खबर प्रशासन तक पहुंची कोरांव के प्रभारी निरीक्षक नितेंद्र शुक्ल अपने दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे। परिजनों ने बताया कि जेठू ने इस्लाम धर्म अपना लिया था और वे पांच वक्त की नमाज पढ़ते थे। उनके बेटों शिव प्रसाद और मोहनलाल ने बताया कि उनके पिता की अंतिम इच्छा का पालन करते हुए उन्हें मुस्लिम रीति-रिवाज से दफनाया गया।

परिजन करेंगे शेष क्रियाएं हिंदू रीति-रिवाज से  

दफनाने से पहले मौलवियों ने मुस्लिम रिवाज के अनुसार फातेहा पढ़ा और फिर उन्हें नहला-धुलाकर तख्त पर लिटा दिया गया। इसके बाद जेठू को घर के सामने ही कब्र बनाकर दफन कर दिया गया। हालांकि, उनके परिवार के अन्य सदस्यों का कहना है कि वे शेष अंतिम संस्कार की क्रियाएं हिन्दू रीति-रिवाजों के अनुसार ही करेंगे। जेठू के पुत्र मोहनलाल ने कहा कि हम अपनी परंपरा का पालन करेंगे और लोटा उठाकर शेष प्रक्रिया अपनी मान्यताओं के अनुरूप ही करेंगे।

यह भी पढ़ें: Lucknow Accident: लखनऊ में चलती कार बनी आग का गोला, तीन ने छलांग लगाकर बचाई जान

इलाके में चर्चा का विषय बना यह अनोखा मामला

इस अनोखी घटना ने इलाके में चर्चा का विषय बन गई है, और अधिकारी भी इस मामले में सतर्क हो गए हैं। हालांकि, परिजनों का कहना है कि उन्होंने केवल जेठू की इच्छा का सम्मान किया है और किसी भी प्रकार की धार्मिक भावनाओं को आहत नहीं किया गया है।