
इसी क्रम में मेला क्षेत्र में बन रहे अस्पतालों के आईसीयू में भी पहली बार हाईटेक एआई मैसेजिंग फ्लो सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह एआई मैसेजंग फ्लो सिस्टम देश या विदेश के किसी भी कोने से आने वाले रोगी की बात समझकर डॉक्टर को समझा सकता है।
इसके साथ ही आईसीयू में भर्ती किसी मरीज की हालत खराब होने की स्थिति में यह तत्काल डॉक्टर्स को अलर्ट भेजकर चिकित्सा इंतजाम सुनिश्चित करने की सुविधा प्रदान करेगा। महाकुंभ में इस तरह की टेक्नोलॉजी का पहली बार इस्तेमाल किया जा रहा है, जो सीएम योगी के डिजिटल और स्वस्थ महाकुंभ के विजन के अनुरूप है।
महाकुंभ में करीब 45 करोड़ श्रद्धालुओं की आमद को लेकर मेला क्षेत्र में युद्ध स्तर पर तैयारी की जा रही है। श्रद्धालुओं से लेकर साधु-संतों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए 100 बेड के केंद्रीय अस्पताल के साथ ही झूंसी और अरैल समेत पूरे मेला क्षेत्र में 10 और अस्पताल तैयार किए जा रहे हैं। इन अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की बड़े पैमाने पर तैनाती की जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप महाकुंभ के माध्यम से उत्तर प्रदेश की छवि को विश्व पटल पर आदर्श तरीके से प्रस्तुत करने के लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी तमाम नए प्रयोग किए जा रहे हैं। इसी क्रम में पहली बार श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए एआई का उपयोग किया जा रहा है। अस्पताल के आईसीयू में इसका उपयोग महत्वपूर्ण होगा, जो मरीजों और डॉक्टरों के बीच मीडिएटर की तरह काम करेगा।
नोडल चिकित्सा स्थापना, महाकुंभ मेला डॉक्टर गौरव दुबे ने बताया कि महाकुंभनगर में सेंट्रल हॉस्पिटल के 10 बेड वाले आईसीयू में श्रद्धालुओं को यह सुविधा मिलेगी। यहां भर्ती मरीज के सिरहाने एक स्पेशल माइक लगाया जा रहा है जो हाईटेक एआई टेक्नोलॉजी से लैस रहेगा। यह 22 रीजनल और 19 इंटरनेशनल लैंग्वेज को पलक झपकते ही हिंदी या अंग्रेजी में ट्रांसलेट कर देगा। इससे डॉक्टर्स और मरीज के बीच भाषाई गैप नहीं होगा और समुचित इलाज की सुविधा प्रदान की जा सकेगी।
इसके साथ ही आईसीयू में एआई इनेबल्ड कैमरा इंस्टॉल किए जा रहे हैं। यह कैमरा मरीजों की स्थिति पर नजर रखेंगे और इनके माध्यम से तीन विशेषज्ञों की टीम आईसीयू की निगरानी कर पाएगी। यही नहीं यह कैमरा किसी पेशेंट की स्थिति का आंकलन कर यदि उसे तुरंत डॉक्टर की मदद चाहिए, इसे भी रीड कर पाएगा। इस स्थिति को रीड करने के बाद वह तत्काल एक्टिव होगा और एक मैसेज जेनरेट करेगा, जो सीधे टीम लीडर तक पहुंचेगा। इसके बाद चंद सेकेंड में मरीज को इलाज मिल जाएगा।
सोर्स: IANS
Updated on:
08 Dec 2024 09:44 pm
Published on:
08 Dec 2024 09:43 pm
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