
प्रयागराज में गणेश उत्सव की तैयारियां तेज हो गई हैं। मूर्तिकार मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं।PC: IANS
इस बार गणेश उत्सव 27 अगस्त को मनाया जाएगा। इसको लेकर शहर में तैयारियां चल रही हैं। मूर्तिकार मूर्तियां बनाने में व्यस्त हैं और अंतिम रूप दिया जा रहा है। मूर्तियों पर रंग-रोगन चढ़ाने का काम किया जा रहा है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 10 दिवसीय चलने वाले गणेश उत्सव को लेकर पूरे शहर में उत्साह का माहौल है।
मूर्तिकारों के अनुसार, कई महीने की कड़ी मेहनत करके मूर्ति को तैयार किया जाता है। एक मूर्ति को बनाने में कम से कम एक से दो महीने का समय लग जाता है। पहले उसका ढांचा तैयार किया जाता है, फिर मिट्टी की परत चढ़ाई जाती है। जब भगवान के स्वरूप की बारीकी तय हो जाती है, तब रंग-रोगन के साथ प्रतिमा को अंतिम रूप दिया जाता है।
मूर्तिकारों की टीम की कोशिश यही होती है कि जब लोग मूर्ति को देखें, तो उन्हें यह महसूस हो कि वे वास्तव में भगवान गणेश के दर्शन कर रहे हैं।
एक मूर्तिकार कहते हैं कि हम पांच महीने पहले से तैयारी शुरू कर देते हैं और हर कोई पूरी लगन और मेहनत से काम करता है। लोग आदिलाबाद, गढ़चिरौली और बस्तर से आते हैं और सब मिलकर काम करते हैं। मूर्तियों की डिमांड बढ़ रही है, रोजाना लोग बुकिंग के लिए आ रहे हैं। यहां पर 50 हजार से लेकर लाखों रुपए कीमत की मूर्तियां तैयार की जा रही हैं। यहां पर 11 फुट तक की मूर्तियां बनाई जा रही हैं।
Published on:
22 Aug 2025 08:26 am
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