Mahakumbh 2025: इस अखाड़े के प्रवेश के साथ महाकुंभ में पहुंचे भगवान सूर्य ! जानें महंत के क्या कहा
Mahakumbh 2025: महाकुंभ की शुरुआत में चंद दिन ही बाकी रह गए हैं। ऐसे में देश-विदेश के कोने-कोने से साधु-संतों का जुटान महाकुंभ में शुरू हो गया है। सोमवार को आनंद अखाडा ने प्रयागराज में नगर प्रवेश किया। आइये बताते हैं अखाड़े के महंत ने क्या कहा ?
Mahakumbh 2025: महाकुंभ की शुरुआत में बस कुछ दिन बाकी रह गए हैं। ऐसे में देश-विदेश के कोने-कोने से साधु-संतों का जुटान शुरू हो गया है। महाकुंभ में संतों की संख्या को देख्नते हुए सरकार ने उचित इंतजाम किये हैं। देश के सभी अखाड़ों के संत प्रयागराज आ रहे हैं।
सोमवार को देश के प्रसिद्ध आनंद अखाडा का प्रयागराज के महाकुंभ में नगर प्रवेश हुआ। गाजे-बाजे के साथ और हर हर महादेव का उद्द्घोष करते हुए संतों ने प्रयागराज के माहकुंभ में प्रवेश किया। इस दौरान अखाड़े के महंत आचार्य मंडलेश्वर बालकनंद जी महाराज ने अगुआई की।
आनंद अखाड़े के आचार्य मंडलेश्वर बालकनंद जी महराज ने कहा कि पंचायती अखाडा श्री आनंद की छावनी प्रवेश है। पुरे हिमालय से और पुरे विश्व से हमारे अखाड़े के महंत, श्री महंत, नागा संयासी, महामंडलेश्वर, आचार्य महामंडलेश्वर सभी लोग आज उपस्थित हो करके अपनी दिव्यता, भव्यता और तपस्या के साथ मेला में प्रवेश करने जा रहे हैं।
#WATCH | Prayagraj, UP | Anand Akhada Acharya Mandleswar Balkanand ji Maharaj says, "… Every saint of Anand Akhada from around the world will settle in the Mela tents from today… Our diety, the Sun God will also embarking on to providing energy and spiritual growth to… pic.twitter.com/PcvcF70IHV
आनंद अखाड़े के आचार्य मंडलेश्वर बालकनंद जी महराज ने आगे कहा कि आज से पंचायती तपोनिधि आनंद अखाड़े के सभी महंत छावनी में प्रवेश करके वहां विराजमान हो जायेंगे। हमारे देवता सूर्य भगवान जो समस्त विश्व को और समस्त सृष्टि को ऊर्जा प्रदान करते हैं आज वो हमारे साथ चल करके सभी को ऊर्जा देते हुए और आध्यात्मिक शक्तियां देते हुए मेला में प्रवेश कर जाएंगे।
महाकुंभ संतों का कुंभ है। इस बार महाकुंभ में पहुंचे बवंडर बाबा लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। बवंडर बाबा मूल रूप से मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं। ये मोटरसाइकिल से महाकुंभ में पहुंचे हैं। गिजरात के लिंबडी से आए शिवरात्रीगिरि बाबा की भी अनोखी कहानी है। दिव्यांग होने की वजह से ये तिनपहिया वाहन से चलते हैं और उसी से महाकुंभ में पधारे हैं।