
एल वेंकटेश्ववर लू
इलाहाबाद. आगामी 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चुनाव आयोग ने अभी से कमर कस ली है। मतदाता सूची और फोटो युक्त पहचान पत्रों के बनाने को लेकर चुनाव आयोग ने अधिकारियों और बीएलओ पर सख्त रुख अपनाया है। बूथ लेवल पर तैनात अधिकारियों तक को टाइट किया गया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंकटेश्वर लू ने साफ कहा है कि किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आयोग का कहना है कि मतदाता सूची और फोटो युक्त पहचान पत्रों का काम पूरा करने में लापरवाही बरतने वाले बीएलओ के खिलाफ सिर्फ निलम्बन की कार्रवाई ही नहीं की जाएगी, बल्कि उन पर एफआईआर दर्ज कराकर उन्हें जेल भी भेजा जाएगा।
यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंकटेश्वर लू ने इस संबंध में बैठक कर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये। बैठक के बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आयोग का जोर मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर है। लोकतंत्र के लिये यह जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग मतदान करें। वोटिंग प्रतिशत को बढ़ाने के लिये लोगों को वोट देने के अधिकार के प्रति जागरूक करने को जरूरी बताया।
उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक मतदान के लिये जरूरी है कि हर मतदाता का नाम वोटर लिस्ट में अनिवार्य रूप से दर्ज हो। उन्होंने मतदान केन्द्रों को मतदाताओं की सुविधा के अनुसार बनाने व वहां जन सुविधाएं मुहैया कराने पर जोर दिया। कहा कि इलेक्टोरल लिटरेसी के जरिये मतदाताओं को नैतिक मतदान के लिये जागरूक किया जाना जरूरी है। इसके लिये उन्होंने ज्यादा से ज्यादा इलेक्टोरल लिटरेसी क्लबों के गठन पर भी जोर दिया।
उन्होंने बताया कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण काकाम 30 जून तक चल रहा है। जिलाधिकारियों की ओर से इसे दो सप्ताह बढ़ाये जाने की मांग पर उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग से समययावधि बढ़ाने का अनुरोध किया जाएगा। वोटर लिस्ट में डुप्लिकेसी रोकने के लिये उसे आधार से लिंक करने के सवाल पर कहा कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और वहां निर्णय होने के बाद ही इस पर कोई फैसला लिया जाएगा।
By Prasoon Pandey
Published on:
28 Jun 2018 07:17 pm
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