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UP MLC Elections 2022: राजा भैया की जाने क्यों लगी प्रतिष्ठा दांव पर, भाजपा, सपा और जनसत्ता दल में है भारी टक्कर

इस बार राजा भैया के करीबी समाजवादी पार्टी से नहीं बल्कि जनसत्ता दल से चुनाव लड़ा है। एमएलसी चुनाव में सत्तारुढ़ दल भाजपा व जनसत्ता दल लोकतांत्रिक अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इसके साथ ही मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के दो विधायकों की भी साख फंसी हुई है।

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UP MLC Elections 2022: राजा भैया की जाने क्यों लगी प्रतिष्ठा दांव पर, भाजपा, सपा और जनसत्ता दल में है भारी टक्कर

UP MLC Elections 2022: राजा भैया की जाने क्यों लगी प्रतिष्ठा दांव पर, भाजपा, सपा और जनसत्ता दल में है भारी टक्कर

प्रयागराज: प्रतापगढ़ एमएलसी सीट पर इस बार भारी टक्कर देखने को मिली। सत्ताधारी पार्टी के साथ ही वहीं समाजवादी पार्टी और जनसत्ता दल से कड़ा मुकाबला है। इस बार राजा भैया के करीबी समाजवादी पार्टी से नहीं बल्कि जनसत्ता दल से चुनाव लड़ा है। एमएलसी चुनाव में सत्तारुढ़ दल भाजपा व जनसत्ता दल लोकतांत्रिक अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इसके साथ ही मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के दो विधायकों की भी साख फंसी हुई है।

राजा भैया का रहा है शुरू से दबदबा

प्रतापगढ़ एमएलसी की स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र की सीट पर वर्ष 1998 में पहली बार रघुराज प्रताप सिंह के करीबी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपालजी निर्वाचित हुए थे। इसके बाद दूसरी बार 2004 में हुए चुनाव में अक्षय प्रताप फिर से विधान परिषद सदस्य चुने गए थे। फिर जब 2004 में अक्षय प्रताप सांसद चुने गए तो खाली हुए एमएलसी सीट पर राजा भैया के करीबी आनंद भूषण सिंह को उपचुनाव में निर्वाचित हुए थे। इसके बाद लगातार दो बार से चुनाव में अक्षय प्रताप सिंह रिपीट हुए। वह समाजवादी पार्टी के टिकट से दोनों पर चुनाव लड़े थे।

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राजा भैया खाता खोलने के लिए खेला है दांव

समाजवादी पार्टी से दूरी बनने के बाद पहली बार राजा भैया अपने पार्टी से अक्षय प्रताप को टिकट देकर मैदान में उतारा है। अब 12 अप्रैल को फैसला हो जाएगा कि भाजपा, सपा व जनसत्ता दल में किससे उम्मीदवार ने बाजी मारी गी। लेकिन ऐसे में पार्टी के सामने खाता खोलने की चुनौती है। राजा भैया के करीबी प्रत्याशी अक्षय प्रताप सिंह के साथ बाबागंज विधायक विनोद सरोज, सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष डा.केएन ओझा, कुंडा, बाबागंज, बिहार, कालाकांकर, सदर, मानधाता के ब्लाक प्रमुखों के साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया ने पूरी ताकत झोंक दी।

भाजपा से हैं हरि प्रताप सिंह

वर्तमान सरकार भाजपा के सामने भी खाता खोलने की चुनौती है। भारतीय जनता पार्टी पहली बार बड़ी ही मजबूती के साथ मैदान पर उतरी है। एमएलसी सीट को जीतने के लिए ताकत झोंक दी है। इसलिए प्रतापगढ़ सीट से पूर्व विधायक हरि प्रताप सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। हरि प्रताप की पत्नी प्रेमलता सिंह नगर पालिकाध्यक्ष हैं। इसके अलावा पार्टी के सदर से विधायक राजेंद्र मौर्य व भाजपा अपना दल गठबंधन के जीतलाल पटेल विश्वनाथगंज से विधायक हैं। ऐसे में दोनों विधायकों के साथ भाजपा के दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा इस चुनाव से जुड़ी है। अब 12 अप्रैल को होगा फाइनल जजमेंट।

समाजवादी पार्टी से दो दिग्गज विधयकों की प्रतिष्ठा फंसी

प्रतापगढ़ सीट पर लगातार समाजवादी पार्टी का कब्जा राजा है। इसीलिए इस सीट को बचाने के लिए पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी है। पिछले दो बार अक्षय प्रताप सिंह सपा से ही चुनाव लड़े थे। लेकिन इस बार समाजवादी पार्टी से दूरी होने की वजह से वह राजा भैया की पार्टी से मैदान में उतरे हैं। सपा के दो विधायक पट्टी से राम सिंह पटेल व रानीगंज डा.आरके वर्मा हैं। ऐसे में सपा प्रत्याशी विजय यादव के भविष्य से इन दोनों विधायकों के साथ सपा के दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा भी जुड़ी है।