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39 महीने में बनकर तैयार हाेगा भव्य श्री राम मंदिर, 42 दिन तक चलेगा निधि समर्पण अभियान

जिस पवित्र भूमि पर भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनेगा वहां 70 फीट नीचे तक मिट्टी पाेली और भुर-भुरी है अयाेध्या में बनने जा रहा श्रीराम मंदिर दुनिया में इंजीनियरिंग की एक अभूतपूर्व संरचना होगी।

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चंपत राय

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क
रायबरेली ( Rae Bareli ) अयाेध्या में बनने जा रहा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का भव्य मंदिर ( Ram Mandir ) बनने में 39 महीने लगेंगे। निर्माण के पहले सभी तकनीकी परीक्षण पूरे हो गए हैं। एक सप्ताह में नीव निर्माण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। मकर सक्रांति से समर्पण निधि जमा करने का अभियान देशभर में शुरू हो गया है जाे 42 दिन तक चलेगा।

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यह बातें राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने कही हैं। वह लालगंज पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने बताया कि समर्पण निधि जमा करने का अभियान मकर सक्रांति से शुरू होकर माघ पूर्णिमा तक चलेगा। उन्होंने बताया कि आरएसएस और उसकी विचारधारा वाले लोग घर-घर जाएंगे और समर्पण निधि इकट्ठा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भगवान श्री राम के मंदिर में सभी हिंदू परिवारों की निधि लगे इसके लिए योजना बनाई है कि लद्दाख और कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक 50 लाख गांव में जाकर 1200 करोड़ परिवारों का सहयोग लिया जाएगा।

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उन्होंने यह भी बताया कि निधि संग्रह में जो भी स्वयंसेवी लगे हुए हैं उन्हें 48 घंटे के भीतर निधि को बैंक में जमा कराना होगा। इसके लिए तीन अलग-अलग बैंकों का चयन किया है। भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और पंजाब नेशनल बैंक में समर्पण निधि को जमा कराया जाएगा। इसके बाद सीए से ऑडिट करा कर इस निधि पर मुहर लगवाई जाएगी।


50 फीट गहरी होगी मंदिर की नींव
पत्रकारों से वार्ता करते हुए राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि मन्दिर सदियों तक मजबूती से खड़ा रहे इसके लिए इंजीनियरों ने अपनी ड्राइंग तैयार की है। टाटा, लार्सन एंड टूब्रो, आईआईटी दिल्ली, चेन्नई व मुंबई के आलावा सीबीआरआई रुड़की, एनजीआरआई समेत देश के अन्य संस्थान इस काम में लगे हुए हैं। जिस पवित्र स्थान पर मंदिर का निर्माण होना है वहां 70 फीट नीचे तक मिट्टी पाेली और भुर-भुरी है। उस उस स्थान पर 50 फीट तक मिट्टी निकाल कर उसे एक हजार वर्ष आयु वाले चार लाख टन घन फिट वजन के पत्थरों का भार सहने लायक मजबूत बनाया जाएगा। बतया कि श्रीराम मंदिर दुनिया में इंजीनियरिंग की एक अभूतपूर्व संरचना होगी।