
CG Fraud News: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में बजरमुड़ा मुआवाज घोटाले को लेकर अवर सचिव के आदेश के 9 माह बाद एफआईआर के लिए आदेश किया गया। अब एफआईआर का आदेश हुए करीब माह भर होने को आ रहा है, लेकिन अब तक इस मामले में प्रकरण थाना तक नहीं पहुंच पाया है। जिसके कारण अब तक प्रकरण में एफआईआर दर्ज नहीं हुआ है।
घरघोड़ा के ग्राम बजरमुड़ा में छत्तीसगढ़ पॉवर जनरेशन कंपनी (सीजीपीडीसीएल) को आवंटित कोल ब्लाक के प्रभावित क्षेत्र में मुआवजा के लिए की गई परिसंपत्तियों की मूल्यांकन में खुलकर गड़बड़ी की गई। इसका राज्य स्तरीय जांच टीम ने पुष्टी की। इसके बाद राजस्व विभाग के अवर सचिव ने इस मामले में दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया।
उक्त आदेश के करीब 9 माह बाद जिले में दोषी अधिकारियों का नाम सामने आया और उनके खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के लिए आदेश दिया गया। अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के लिए 22 अप्रैल को आदेश किया गया है। इस आदेश को करीब माह भर होने का आ गया है, लेकिन अब तक घरघोड़ा एसडीएम ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने के लिए प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई है और थाने तक प्रकरण नहीं पहुंच पाया है।
इस मामले की शिकायत तत्कालीन कलेक्टर से की गई थी, लेकिन जिला स्तर पर अपर कलेक्टर ने जांच की खानापूर्ति कर दी। जिसके बाद इस मामले की शिकायत कमिश्नर से लेकर पीएमओ तक की गई। पीएमओ में शिकायत के बाद जांच शुरू हुई, जिसमें शिकायत की पुष्टी हुई। अब कार्रवाई के आदेश के बाद भी इसे दबाने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है।
घरघोड़ा एसडीएम रमेश मोर की एफआईआर के लिए आदेश मिला है। प्रकरण को तैयार किया जा रहा है। जल्द ही थाने में प्रकरण दिया जाएगा। अवर सचिव ने संबंधित अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के साथ ही साथ विभागीय जांच के लिए कहा है।
इस मामले में घरघोड़ा के तत्कालीन एसडीएम अशोक कुमार मार्बल और तमनार के तत्कालीन तहसीलदार बंदेराम भगत ने सोमवार को जिला प्रशासन के समक्ष जवाब पेश किया है। तत्कालीन तहसीलदार ने जहां मूल्यांकन के दौरान पदस्थ न रहने की बात कही है तो वहीं तत्कालीन एसडीएम ने भी अपने बचाव में जवाब दिया है।
Published on:
20 May 2025 01:12 pm
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