
CG Elephant News: दिनेश यदु .छातीसगढ़ के रायगढ़ और बिलासपुर जिलों में बिजली के खुले तारों की चपेट में आकर हाथियों की मौतों ने वन्यजीव प्रेमियों और संरक्षणकर्ताओं को झकझोर कर रख दिया है। इन घटनाओं के बाद वन विभाग और छत्तीसगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि यदि समय रहते सुरक्षा कदम उठाए गए होते, तो इन दुर्लभ वन्यजीवों की जान बचाई जा सकती थी। इस खबर के संदर्भ में प्रमुख वन्यजीव संरक्षणकर्ताओं ने अपनी प्रतिक्रियाएं दीं।
CG Elephant News: पर्यावरण कार्यकर्ता नितिन सिंघवी ने इस घटना को ‘वन्यजीव संरक्षण की असफलता’ करार दिया। उन्होंने कहा, ’’जंगल में झूलते बिजली के तार वन्यजीवों के लिए जानलेवा बन गए हैं। पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी की लापरवाही के कारण हाथियों की जान चली गई। मैंने जनहित याचिका भी दायर की थी ताकि तारों को ऊंचा किया जाए, लेकिन अभी तक ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
CG Elephant News: पूर्व आईएफएस अधिकारी के.के. बिसेन ने कहा, यह घटना बिजली कंपनी और वन विभाग की संयुक्त जिमेदारी है। इस प्रकरण में इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड पूर्णत: जिमेदार है। क्योंकि, इस बोर्ड को अपने प्रोडक्ट को उपभोक्ता तक पहुंचाने में पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए, जो उन्होंने नहीं किया है। आज हाथियों की जान गई है, भविष्य में मानवों, अन्य जंगली और पालतू मवेशियों की जान जाएगी। अत: उन्हें अपने तंत्र को पुता करना ही होगा।
दक्षिण छत्तीसगढ़ में अचानकमार टाइगर रिजर्व के पास हाथी शावक की करंट लगने से मौत ने वन्यजीव प्रेमियों को झकझोर कर रख दिया है। शावक, जो पांच हाथियों के दल से बिछड़ गया था, दो दिन पहले मृत पाया गया। इस घटना के बाद, वन विभाग के अधिकारियों के बीच विवाद छिड़ गया है, जिसमें हर कोई जिमेदारी से भागता नजर आ रहा है। वन विकास निगम इस मुद्दे पर मौन है, जबकि एटीआर के अधिकारी अपनी जिमेदारी से पल्ला झाड़ते हुए कहते हैं कि यह उनका क्षेत्र नहीं है।
Updated on:
04 Nov 2024 04:42 pm
Published on:
04 Nov 2024 04:35 pm
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