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एनटीपीसी के पहली युनिट की कमीशनिंग, इधर किसानों ने हल जलाकर किया विरोध

पहली इकाई 800 मेगावॉट का 23 मार्च को पूर्णभार से कमिशनिंग की गई।

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पहली इकाई 800 मेगावॉट का 23 मार्च को पूर्णभार से कमिशनिंग की गई।

रायगढ़. छत्तीसगढ़ राज्य के रायगढ़ जिले में स्थित एनटीपीसी लारा जो कि भारत सरकार की एक महारत्न कंपनी है, जिसकी पहली इकाई 800 मेगावॉट का 23 मार्च को पूर्णभार से कमिशनिंग की गई।

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एनटीपीसी लारा स्थित पावर प्रोजेक्ट के लिए छत्तीसगढ शासन के साथ समझौता ज्ञापन 12 जुलाई 2009 को हुआ था जो कि विभिन्न सरकारी विभागों से मंजूरी एवं स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत फ रवरी 2013 को निर्माण कार्य शुरू हुआ था। एनटीपीसी के अधिकारियों ने बताया कि स्ंाचालित हुआ यह बिजलीघर सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी से युक्त है जो कि कम ईंधन का उपयोग करके बेहद कुशल और पर्यावरण के अनुकूल विद्युत का उत्पादन करेगा। इस लारा ईकाइ में विश्व के प्रमुख तकनीकी कंपनी दुसान पावर सिस्टम द्वारा बायलर का सप्लाई एवं निर्माण तथा बीजीआर - हिटाची संयुक्त कंपनी द्वारा टर्बो जेनेरेटर सप्लाई एवं निर्माण का कार्य किया गया है।


यहां होगी आपूर्ति
अधिकारियों ने बताया कि एनटीपीसी लारा संयत्र से पश्चिमी क्षेत्र के 7 राज्यों जैसे छत्तीसगढ, मध्यप्रदेश, महाराष्ट, गुजरात, गोवा, दमन, दादर नागर हवेली को विद्युत आपूर्ति की जावेगी। एनटीपीसी लारा के इस प्रथम यूनिट के कमिशिनिंग के साथ एनटीपीसी की कुल स्थापित क्षमता 52991 मेगावाट तक पहुंच गई है जिसे आर्थिक व पर्यावरण के दृष्टिकोण से एक बेहतरीन प्रयास बताया जा रहा है जिससे सबकुछ ठीक व सामान्य रहेगा।


एनटीपीसी के विरोध में...

एनटीपीसी-लारा की नीतियों के विरोध में हड़ताल के चौथे दिन भू विस्थापितों के 1 सूत्रीय मांग स्थाई नौकरी को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया गया। भू-विस्थापित आंदोलनकारी दिनभर धरना स्थल पर डटे रहे। लगभग 190 लोगों ने इस धरना को समर्थन दिया। इसमें शंकर अग्रवाल, वसीम खान, हेमलाल साहू, जनप्रतिनिधि सफेद गुप्ता एवं गौरांग साव आदि शामिल थे। पूर्व घोषित आंदोलन के तहत शुक्रवार को अंत में किसानो के द्वारा खेतों को जोतने वाला हल की होली जलाई गई।