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तीन साल बाद कोर्ट ने इस मामले में सुनाया फैसला, महापौर ने ली राहत की सांस

locationरायगढ़Published: Sep 09, 2018 11:50:31 am

Submitted by:

Shiv Singh

– मामला वर्ष 2014 में हुए नगर निगम चुनाव से जुड़ा हुआ है

तीन साल बाद कोर्ट ने इस मामले में सुनाया फैसला, महापौर ने ली राहत की सांस

तीन साल बाद कोर्ट ने इस मामले में सुनाया फैसला, महापौर ने ली राहत की सांस

रायगढ़. रायगढ़ कोर्ट ने महापौर मधुबाई के खिलाफ निगम चुनाव में गलत नामांकन, मतदान व मतगणना को शून्य के साथ अवैध घोषित करने को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया है। जिसे ढिमरापुर दिनदयाल कॉलोनी निवासी सेवनराम चौहान ने दायर किया था। चौहान ने अपनी याचिका में महापौर मधुबाई, मुख्य निर्वाचन आयुक्त, राज्य निर्वाचन आयुक्त सहित ८ लोगों को पार्टी बनाया था। वर्ष २०१५ के इस मामले में करीब ३ साल बाद कोर्ट ने शनिवार को अहम फैसला सुनाया। जो महापौर मधुबाई के लिए राहत की खबर है।
रायगढ़ जिला न्यायाधीश संजय जायसवाल ने शनिवार को वर्ष २०१४ के महापौर चुनाव को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है। जिसकी पैरवी शासकीय अधिकारी पंचानन गुप्ता ने की। मिली जानकारी के अनुसार यह मामला वर्ष २०१४ में हुए नगर निगम चुनाव से जुड़ा हुआ है। जिसमें मधुबाई किन्नर ने रिकार्ड मतों से जीत दर्ज की थी। पर मधुबाई के चुनाव जीतने केे कुछ दिन बाद ही यह मामला कोर्ट पहुंच गया।
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शहर के ढिमरापुर दीनदयाल कॉलानी निवासी सेवन राम चौहान पिता लहंगू राम चौहान ४० वर्ष ने रायगढ़ कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिसमें महापौर मधुबाई के नामांकन में गलत जानकारी देने के साथ ही २९ दिसंबर २०१४ को हुए मतदान व ४ जनवरी २०१५ को हुए मतगणना पर सवाल उठाया गया। वहीं इसे शून्य व अवैध घोषित करने की मांग की गई थी। खास बात तो यह है कि सेवनराम ने इस मामले में महापौर मधुबाई, दिल्ली स्थित मुख्य निर्वाचन आयुक्त, निर्वाचन आयुक्त छत्तीसगढ़ राज्य निवार्चन आयोग रायपुर सहित ८ लोगों को पार्टी बनाया था। कोर्ट ने करीब ३ साल के इस सुनवाई के दौरान इस याचिका से जुड़े हर पहलू को सुनवाई के दौरान खंगाला।

साबित नहीं हुआ आरोप
जिसके बाद कोर्ट इस नतीजे पर पहुंंची कि मधबाई, महापौर पर पद के लिए सबसे अधिक मत प्राप्त की थी। यह तथ्य अविवादित है। उसके बाद दूसरे स्थान पर कौन था। जिसे सबसे अधिक किसे वोट मिले थे। इस विवादित है। क्योंकि मधुबाई के पश्चात सबसे अधिक पाने वालों में सेवनराम व के अलावा महावीर चौहान ने भी दावा किया था। ऐसी स्थिति में महापौर मधुबाई के निर्वाचन को अवैध व शून्य घोषित करने का अनुतोष नहीं दिया जा रहा है। वहीं सेवनराम चौहान द्वारा याचिका के जरिए उठाई गई आपत्तियां प्रमाणित नहीं हुई।

इनको बनाया था पार्टी
-महापौर मधुबाई पिता पदमा गुरु, मिट्ठुमुड़ा रायगढ़
-महावीर चौहान, रेलवे बंगलापारा, रायगढ़
-जेठूराम मनहर, रामभाठा रायगढ़
-सिरिल कुमार घृतलहरे, जगतपुर रायगढ़
-जिला निर्वाचन अधिकारी, नगरीय निकाय चुनाव
-पीठासीन अधिकारी, टीकाराम नायक
-निर्वाचन आयुक्त, छ.ग राज्य निर्वाचन आयोग, रायपुर
-मुख्य निर्वाचन आयुक्त, नई दिल्ली

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