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जनवरी से मार्च तक का कर नहीं किया था जमा, आयकर विभाग ने दी दबिश, फिर जो हुआ जानने के लिए बस एक क्लिक…

जांच के दौरान व्यवसायी द्वारा बड़ी मात्रा में निर्मित बिलेट स्टॉक में बताया किन्तु भौतिक सत्यापन पर लगभग 66 मैट्रिक टन कम पाया गया।

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जनवरी से मार्च तक का कर नहीं किया था जमा, आयकर विभाग ने दी दबिश, फिर जो हुआ जानने के लिए बस एक क्लिक...

रायगढ़. आयुक्त वाणिज्यिक कर छत्तीसगढ़ रायपुर के आदेशानुसार रायगढ़ के गेरवानी स्थित माँ काली एलॉयज प्रा.लि.की फैक्ट्री और शहर स्थित कार्यालय में विगत दिवस वाणिज्यिकर विभाग रायगढ़ एवं बिलासपुर की टीम द्वारा आकस्मिक जांच की गई। जांच की कार्यवाही रायगढ़ उपायुक्त सीआर महिलांगे तथा बिलासपुर उपायुक्त करुणा मिंज के द्वारा किया गया।

जांच के दौरान पाया गया कि व्यवसायी द्वारा जनवरी से मार्च तक का कर जमा नहीं किया गया था। जिसका अनुमानित आंकड़ा 4 करोड़ रुपए है। जांच के दौरान व्यवसायी द्वारा बड़ी मात्रा में निर्मित बिलेट स्टॉक में बताया किन्तु भौतिक सत्यापन पर लगभग 66 मैट्रिक टन कम पाया गया।

इसी तरह कोयला की अधिक मात्रा में स्टॉक बताया गया है। जबकि मौके पर कम मात्रा में कोयला पाया गया। व्यवसायी फर्म द्वारा जांच के दौरान कर देयता स्वीकार करते हुए तत्काल 1.51 करोड़ रुपए जमा किया गया और 1.99 करोड़ का चेक विभाग को दिया गया है।

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ये भी है मामला
संयुक्त आयुक्त राज्य कर बिलासपुर संभाग क्रमांक-दो से प्राप्त जानकारी के अनुसार व्यवसायी द्वारा बिजली उत्पादन के लिए केप्टिव प्लांट लगाया गया है इससे बिजली पैदा कर बिजली का उपयोग स्वयं की फैक्ट्री में खपत के अलावा अन्य ग्राहकों को भी बिजली की सप्लाई की जाती है।

बिजली टैक्स फ्री वस्तु है इस पर व्यवसायी को इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलेगा लेकिन व्यवसायी द्वारा इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया जा रहा है। यह कर अपवंचन की श्रेणी में आता है। विभाग द्वारा लगभग 50 लाख रुपए के अपवंचन की संभावना बतायी गई है।

सामग्री किया जब्त
विभाग के अधिकारियों ने 76 नग रजिस्टर, एक नग सीपीयू एवं अन्य सामग्री जब्त किया है। मामले को विस्तृत जांच के लिए रायपुर भेजा गया है। विभाग द्वारा कार्यवाही के पहले लबे समय से व्यवसायी की गतिविधियों पर नजर रखी गई थी। व्यवसायी को लिखित तथा मौखिक में समय पर टैक्स जमा करने की हिदायत देने के बाद भी ध्यान नहीं दिया गया। फैक्ट्री के संचालक रायगढ़ में निवास करते है, लेकिन धनबाद में निवास करना बताते हुए टैक्स जमा नहीं किया जा रहा था।