
Bajramuda compensation scam: बजरमुड़ा मुआवजा घोटाले में राज्य स्तरीय जांच टीम व राजस्व विभाग के अपर सचिव के निर्देश के करीब साल भर बाद जिला प्रशासन ने इस मामले में कार्रवाई को आगे बढ़ाया है। कलेक्टर ने इस मामले में संलिप्त 7 अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए घरघोड़ा एसडीएम को आदेश दिया है।
विदित हो कि घरघोड़ा अनुविभाग में गारे-पेलमा सेक्टर 3 कोल ब्लाक को शासन ने 2020 में सीजीपीडीसीएल को आवंटित किया है। उक्त कोल ब्लाक आवंटित होने के बाद यहां मुआवजा को लेकर खेल शुरू हुआ। मुआवजे की लालच में जिले के इस छोटे से गांव में करीब 100 करोड़ रुपए का गलत मुआवजा वितरण किया गया। इस मामले को पत्रिका ने लगातार प्रमुखता से उठाया। इसके बाद राज्य स्तर पर इस मामले में जांच टीम बनी थी।
आईएएस रमेश शर्मा के नेतृत्व में उपायुक्त एसएलआर नेहा भेड़िया व डिप्टी कलेक्टर हिना नेताम सहित करीब तीन दर्जन आरआई व पटवारियों की टीम ने पूरे गांव की तीन दिनों तक जांच की। जांच में गड़बड़ी प्रमाणित होने के बाद टीम ने जांच रिपोर्ट 31 मई 2024 को राजस्व सचिव को सौंपा। उक्त जांच रिपोर्ट में संलिप्त अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए अनुमोदन किया गया।
इसके आधार पर राजस्व विभाग के अवर सचिव ने कलेक्टर को कार्रवाई के लिए आदेश दिया, लेकिन इस आदेश में कागजी खानापूर्तिे का दौर चलता रहा। करीब साल भर बाद अब जाकर इस मामले में कार्रवाई एक कदम आगे बढ़ती हुई नजर आई। इस मामले में कलेक्टर ने घरघोड़ा एसडीएम को तत्कालीन एसडीएम, तहसीलदार, सहित 7 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
कोल ब्लाक में प्रभावित ग्राम बजरमुड़ा में तत्कालीन राजस्व अधिकारियों ने बिना सिंचाई साधन के कृषि भूमि को दो फसली बता दिया था। इतना ही नहीं गांव से होकर न तो नदी गुजरी है न ही नाला इसके बाद भी अर्जित 174 हेक्टेयर भूमि में से करीब 124 हेक्टेयर भूमि को दो फसली बताकर मुआवजे की गणना की गई थी। मुआवजे की लालच में ही इस गांव में कृषि भूमि में आलिशान मकान व काप्लेक्स का निर्माण कर दिया गया था। कच्चे मकान को पक्का व पौधों को वृक्ष बताकर मूल्यांकन करते हुए गलत मुआवजे का आंकलन किया गया था।
Bajramuda compensation scam: इस मामले में दोषी पाए गए तत्कालीन अधिकारियों में एसडीएम अशोक मार्बल, तहसीलदार बंदेराम भगत, आरआई मूलचंद कुर्रे, पटवारी जितेंद्र पन्ना व परिसंपत्तियों के मूल्यांकन टीम में शामिल वन विभाग के बीट गार्ड राम सेवक महंत, वरिष्ट उद्यानिकी अधिकारी संजय भगत व लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर धर्मेंद्र त्रिपाठी का नाम शामिल है। इसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने आदेश दिया गया है।
रमेश मोर, एसडीएम धरमजयगढ़: इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने के लिए मुझे कोई आदेश नहीं मिला है। अगर आज मिला होगा तो मैं देखकर बताता हूं।
रवि राही, अपर कलेक्टर रायगढ़: हां इस मामले में संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने घरघोड़ा एसडीएम को निर्देश दिया गया है।
Published on:
14 May 2025 12:43 pm
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