
CG News: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शनिवार को अपने निवास कार्यालय में राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री साय ने स्पष्ट किया कि राजस्व विभाग का सीधा संबंध आम जनता से है, अत: मैदानी अमले की लापरवाही शासन की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। उन्होंने कहा, राजस्व न्यायालय का संचालन सप्ताह में न्यूनतम दो दिन अनिवार्य रूप से किया जाए और दो पेशी में ही प्रकरणों का निराकरण हो।
अति आवश्यक परिस्थितियों को छोड़कर पेशी की तिथि बढ़ाने से बचा जाए। सीएम ने अविवादित नामांतरण और बंटवारे के मामलों में अनावश्यक विलंब करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा, फौती-नामांतरण की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरते। सभी काम समय-सीमा में पूरा किया जाए। विधिक वारिसान के पक्ष में फौती नामांतरण समय पर हो।
कलेक्टरों को निर्देशित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, तय समय सीमा में नामांतरण न होने पर संबंधित पटवारियों की जवाबदेही तय करते हुए कठोर कार्रवाई करें। इस अवसर पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, राहुल भगत, डॉ. बसवराजू, चिप्स के सीईओ प्रभात मलिक तथा राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद थे।
डिजिटल क्रॉप सर्वे की समीक्षा करते हुए सीएम ने कहा, राजस्व, कृषि, खाद्य तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभागों की संयुक्त टीम गठित कर भूमि और फसल से संबंधित सटीक जानकारी एकत्रित करें।राजस्व सचिव अविनाश चंपावत ने विभागीय कार्यों और गतिविधियों की प्रगति की विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि भूमि अभिलेखों का कंप्यूटरीकरण, पंजीयन का डिजिटलीकरण तथा मॉडर्न रिकॉर्ड रूम का कार्य पूर्णता की ओर है। साथ ही उन्होंने राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली के डिजिटलीकरण, किसान पंजीयन, डिजिटल क्रॉप सर्वे और जियो-रेफरेंसिंग कार्यों की प्रगति से भी अवगत कराया।
CG News: चंपावत ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री साय के पूर्व निर्देशों के अनुरूप जिलों में लंबे समय से एक ही स्थान पर पदस्थ पटवारियों का स्थानांतरण नियमित रूप से किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा, आरबीसी 6-4 के अंतर्गत पीड़ित परिवारों को तात्कालिक सहायता उपलब्ध कराई जाए। इसके लिए विभिन्न विभागों के बीच प्रभावी समन्वय स्थापित करते हुए कार्रवाई में विलंब न हो, यह तय किया जाए, ताकि प्रभावित परिवारों को लंबे समय तक भटकना न पड़े। उन्होंने अधिकारियों को इसकी सतत निगरानी करने के निर्देश भी दिए।
Published on:
27 Apr 2025 09:48 am
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