आलम यह है डिप्रेशन की शिकार युवती ने महिला बाल विकास विभाग से जुड़े अधिकारियों के समक्ष यह बातें कहीं है। जिससे विभाग के आला अधिकारी को भी अवगत कराया गया है। वहीं इस मामले में विभाग भी उहा-पोह की स्थिति में हैं।
पिछले दिनों रायगढ़ अनाथालय में किशोरियों के बीच आपस में मारपीट हुई थी। जिसमें करीब एक दर्जन किशोरियों ने संस्था की एक युवती पर मारपीट का आरोप लगाया था। उसके बाद यह मामला शुरू हो गया है।
सीडब्ल्यूसी द्वारा कोतवाली में दिए गए पत्र की कॉपी कलक्टर शम्मी आबिदी, एसपी दीपक झा व अन्य अधिकारियों को भी भेजी गई है। कोतवाली पुलिस ने जब इस युवती से थाने में पूछताछ की उसके बाद उक्त युवती के तनाव में रहने की बात कही जा रही है।
एक पक्षीय कार्रवाई का भी आरोप
पीडि़त युवती ने अपने बयान में इस बात का भी उल्लेख किया है कि मारपीट के बाल कल्याण समिति में दोनों पक्षों को बुलाया गया था। पर सिर्फ एक पक्ष की बात सुनी गई। मेरी बातों को बगैर सुने हुए वापस अनाथालय भेज दिया गया।
चाकू के उपयोग पर उठ रहा है सवाल
इस मारपीट में चाकू के उपयोग की बात सामने आ रही है पर अनाथालय से जुड़े सूत्रों से यह पता चला है कि पिछले दिनों मारपीट मामले में किसी भी धारदार हथियार का उपयोग नही किया गया था।
7पर बाल कल्याण समिति द्वारा कोतवाली को किए गए पत्राचार में चाकू दिखा कर भय उत्पन्न करने की बात का उल्लेख किया गया है। सीडब्ल्यूसी की माने तो अनाथालय की 20-22 किशोरियों ने अपने लिखित बयान में चाकू दिखा कर भय उत्पन्न करने की बात कही है।