पत्रिका ने जब 9 फ्रिजर में से 8 के खराब होने की खबर को प्रकाशित किया। जिसमें ११ मार्च को केंद्रीय मंत्री व सांसद विष्णु देव साय के हाथों लोार्पित हुए फ्रिजर से भी गर्म पानी निकल रहा था। पत्रिका की खबर के बाद संबंधित अधिकारियों की नींद खुली। उन्होंने बंद फ्रिजर को चालू करने के साथ ही २ व्यवसायिक वाटर एटीएम को शुरू करने की पहल की गई। करीब एक माह से ढांचा रुपी दिख रहे वाटर एटीएम में सोमवार की सुबह तेजी से काम होते नजर आया। वहीं दोपहर बाद प्लेटफार्म नंबर एक पर लगेे वाटर एटीएम को शुरू कर दिया गया। जिससे यात्रियों को अब १५ रुपए की बजाए ५ रुपए प्रति लीटर की दर से ठंडा पानी मिल रहा है।
हद हो गई लापरवाही की, जब बिक गई सभी किताबें, हो गया एडमिशन तब डीईओ ने जारी किया ये आदेश…इधर इस मामले में रेल अधिकारी का यह कहना है कि फ्रिजर के अंदर पानी की एक तय मात्रा को स्टोर कर उसे ठंडा किया जाता है। एक साथ कई यात्रियों द्वारा पानी लेने पर ठंडा पानी निकल जाता है और गर्म पानी आने लगाता है। जिसकी वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। प्लेटफार्म पर ३-४ फ्रिजर तकनीकी कारणों से बंद हैं। उसे दुरुस्त करने की पहल की जाएगी।
स्थान पर उठे सवाल
इस बीच कुछ यात्रियों ने वाटर एटीएम के स्थान को लेकर भी सवाल उठाया है। सस्ते दर पर पानी की उपलब्धता जनरल कोच वाले यात्रियों को अधिक रहती है। पर वाटर एटीएम प्लेटफार्म के बीच में लगाया गया है। जहां पहले से खान-पान के स्टॉल है। जबकि आगे व पीछे, जहां जनरल कोच लगते हैं। वो खान-पान से जुड़े कोई स्टॉल भी नहीं है।