
CG News: भविष्य में एथेनॉल को सबसे ज्यादा उपयोगी बताकर उसे बढ़ावा देने में जुटी केंद्र और राज्य सरकार की योजना को कंपनियां धता बता रही हैं। राज्य सरकार की ओर से एमओयू कराने के बाद प्रदेश में 34 कंपनियों में से अब तक सिर्फ 5 ने ही काम शुरू किया है। जबकि राज्य सरकार की ओर से इन्हें सुविधाएं मुहैया कराई जा चुकी हैं।
जानकारी के अनुसार राज्य शासन के दबाव और लगातार पत्र लिखने के बाद 9 कंपनियों ने प्रक्रिया शुरू की है। फिलहाल स्थल चयन की प्रक्रिया शुरू की गई है।
जिलों में एथेनॉल प्लांट लगाने से क्षेत्र के युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा क्षेत्र के किसानों को भी फायदा होगा। खासकर गन्ना उत्पादक किसानों को। क्योंकि एथेनॉल उत्पादन के लिए आमतौर पर इस्तेमाल मक्का, गन्ना आदि के पौधों का उपयोग किया जाता है। इसलिए एथेनॉल बनाने के लिए गन्ने, मक्का, मकई के दानों की खरीदी भी बढ़ेगी। किसानों को ज्यादा दाम भी मिलेंगे। इससे उनकी आय में बढ़ोत्तरी भी होगी। क्षेत्र के युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।
बता दें कि केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार ने प्रदेश में एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा दिया है। एथेनॉल को पेट्रोल और डीजल में मिलाने के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है। विशेषज्ञों के मुताबिक यहीं एथेनॉल के उत्पादन से राज्य में पेट्रोल-डीजल के रेट में कमी आ सकती है। एथेनॉल के इस्तेमाल से गाड़ियों के इंजन की उम्र भी बढ़ती है।
जिला संख्या
बेमेतरा 9
बिलासपुर 1
दुर्ग 3
जगदलपुर 1
जांजगीर-चांपा 1
कवर्धा 1
महासमुंद 1
मुंगेली 2
रायगढ़ 1
रायपुर 3
सरगुजा 1
एथेनॉल संयंत्र अल्कोहल का उत्पादन करते हैं जिसका उपयोग स्वच्छ और नवीकरणीय ईंधन के रूप में किया जा सकता है। ये पर्यावरण की मदद करते हैं, अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देते हैं और पारंपरिक जीवाश्म ईंधन का विकल्प प्रदान करते हैं।
Published on:
11 Aug 2025 09:44 am
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