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नई जमीन दरों से गरमाई राजनीति, BJP सांसद बृजमोहन ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

CG Land Price Hike: छत्तीसगढ़ में नई कलेक्टर गाइडलाइंस से जमीन की कीमतें 5–9 गुना बढ़ीं। BJP सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार पर बिना अध्ययन फैसला लेने का आरोप लगाया।

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छत्तीसगढ़ में जमीन महंगी (photo source- Patrika)

छत्तीसगढ़ में जमीन महंगी (photo source- Patrika)

CG Land Price Hike: नई कलेक्टर गाइडलाइंस लागू होने के बाद छत्तीसगढ़ में ज़मीन की कीमतें अचानक 5 से 9 गुना बढ़ गई हैं। इस फैसले से पूरे राज्य में बहस छिड़ गई है। रायपुर से बीजेपी सांसद, बृजमोहन अग्रवाल ने इसे 'इकोनॉमी पर सीधा हमला' बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने इतना बड़ा बदलाव करने से पहले न तो कोई स्टडी की और न ही लोगों की राय ली। उन्होंने यह भी कहा कि इससे आम लोगों, किसानों और छोटे बिज़नेसमैन पर बुरा असर पड़ेगा।

CG Land Price Hike: सरकार कन्फ्यूज है: बृजमोहन अग्रवाल

अग्रवाल ने कहा कि सरकार खुद गाइडलाइंस को लेकर कन्फ्यूज है। उन्होंने सुझाव दिया कि रेवेन्यू डिपार्टमेंट, रियल एस्टेट सेक्टर और किसानों के संगठनों के एक्सपर्ट्स को मिलाकर एक हाई-लेवल कमेटी बनाई जाए, ताकि ज़मीनी हकीकत को समझने के बाद फैसले लिए जा सकें।

कैबिनेट से ऊपर कौन? – भूपेश बघेल का सवाल

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी नई गाइडलाइन पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि मंत्री कह रहे हैं कि यह निर्णय 'ऊपर से पास' हुआ है। अब जनता जानना चाहती है कि कैबिनेट से ऊपर कौन फैसला ले रहा है? अग्रवाल ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर यह निर्णय तुरंत रोकने की मांग की है।

उनका कहना है:

नई गाइडलाइन से केवल 1% किसानों को फायदा मिलेगा।

99% जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।

जमीन की खरीद-फरोख्त पहले से ही मंद है, नया निर्णय बाजार को और धीमा कर देगा।

स्टांप ड्यूटी और पंजीयन शुल्क बढ़ जाने से जमीन खरीदना और मुश्किल होगा।

उन्होंने आरोप लगाया कि नया रेट बिना जनसुनवाई, बिना असल मूल्यांकन और बिना सामाजिक-आर्थिक असर को समझे लागू कर दिया गया है। इसी वजह से किसान, छोटे व्यापारी, मध्यम वर्ग और रियल एस्टेट सेक्टर सभी नाराज हैं।

पुरानी सरकार की 30% छूट अब खत्म

CG Land Price Hike: पहले जमीन का बाजार मूल्य निकालते वक्त सरकार 30% कम कर देती थी। उदाहरण यदि जमीन का बाजार मूल्य 10 लाख है, तो रजिस्ट्री के लिए इसे 7 लाख माना जाता था। इसी कम मूल्य पर स्टांप ड्यूटी 4% और 75 लाख तक के मकानों पर 2% ली जाती थी। अब नई गाइडलाइन में यह 30% छूट पूरी तरह खत्म कर दी गई है। अब जमीन का पूरा 100% मूल्य माना जाएगा। लेकिन पंजीयन शुल्क कम नहीं किया गया, वही पुराना रखा गया है।

क्यों बढ़ी चिंता?

नई गाइडलाइन से: ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में रजिस्ट्री महंगी होगी, किसान और आम लोग जमीन खरीदने या बेचने में दिक्कत महसूस करेंगे, छोटे बिल्डर्स और निवेशकों पर लागत बढ़ जाएगी, अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।