
Kharmas 2024
Kharmas 2024: खरमास माह का प्रारंभ 16 दिसंबर से हो रहा है। इस दिन सूर्यदेव धनु राशि में गोचर करेंगे। उस समय से ही खरमास लग जाएगा। खरमास का समापन 14 जनवरी, मंगलवार को मकर संक्रांति के दिन होगा। खरमास हिंदू पंचांग के अनुसार एक विशेष अवधि है जो सूर्य के धनु और मीन राशि में प्रवेश के दौरान आती है।
इस समय सूर्य कमजोर स्थिति में होते हैं, जिससे शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है। यह समय लगभग 30 दिनों का होता है और मुख्य रूप से धार्मिक साधना, पूजा, ध्यान और आत्मविश्लेषण के लिए उपयुक्त माना जाता है। यह मास वैदिक परंपराओं के अनुसार आत्मिक उन्नति, तप और आध्यात्मिक साधना का अवसर है।
इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक कार्य निषि माने जाते हैं। खरमास लगने के बाद शादी विवाह पर रोक लग जाती है। अब शादी विवाह का मुहूर्त 15 जनवरी से प्रारंभ होगा। 14 जनवरी तक इस पर रोक रहेगी।
खरमास में किसी के प्रति द्वेष, जलन या नफरत की भावना रखना न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से हानिकारक है। बल्कि यह आपके जीवन में भी नकारात्मक परिणाम ला सकता है। इस समय मानसिक शांति और सकारात्मकता बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। खरमास में भौतिक सुख-सुविधाओं का अत्यधिक सेवन नहीं करना चाहिए। यह समय आत्म-नियंत्रण, साधना और संयम का है। अत: इस अवधि में मांसाहार, शराब और अन्य नशे का सेवन करना वर्जित है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से अनुशासनहीनता को बढ़ाता है, बल्कि शरीर और मन पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है।
इस मास में उपवास और तपस्या करने से मनुष्य के पापों का नाश होता है। ध्यान और योग द्वारा आत्मिक शांति पाई जा सकती है।
इस अवधि में नए व्यापार, नए प्रोजेक्ट या किसी बड़े उद्यम की शुरुआत करने से बचना चाहिए। खरमास को ‘रुकावट का समय’ माना जाता है। इस दौरान शुरू किए गए कार्यों में सफलताएं नहीं मिलतीं।
इस समय भगवान विष्णु और सूर्य देव की विशेष पूजा करनी चाहिए। श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ, विष्णु सहस्रनाम का जाप और सूर्य देव के मंत्रों का उच्चारण लाभकारी होता है। तुलसी पूजन और दान का महत्व भी इस मास में अधिक है।
गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े और धन का दान करना शुभ फलदायक होता है। अन्न, घी, गुड़, तिल और स्वर्ण जैसे वस्त्रों का दान करने से पुण्य प्राप्त होता है।
Published on:
16 Dec 2024 05:41 pm
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